कोटा। प्रदेश में आधिकाधिक किसानों को समर्थन मूल्य पर सरसों एवं चना खरीद का लाभ मिल सके, इसके लिए केन्द्रों पर प्रतिदिन अधिकतम 120 किसानों से तुलाई के लिए एसएमएस की संख्या दोगुनी कर दी गई है। प्रारंभ में खरीद केन्द्र पर अधिकतम 60 किसानों से तुलाई हो रही थी।
सरसों एवं चना के लिए 6 मई तक 4 लाख 62 हजार 623 किसानों ने पंजीयन कराया है। इसमें से 2 लाख 60 हजार 623 सरसों एवं 2 लाख 1 हजार 997 चना के हैं। 139 खरीद केन्द्रों पर पंजीयन की क्षमता पूरी हो गई थी। इन केन्द्रों सरसों के 52 तथा चना के 87 की पंजीयन सीमा को 10 प्रतिशत बढ़ा दिया गया है।
इस निर्णय से करीब 10 हजार किसानों को और लाभ होगा। सहकारिता के प्रमुख शासन सचिव नरेशपाल गंगवार ने बताया कि 17 हजार 118 किसानों से 203.65 करोड़ रुपए की सरसों एवं चना की खरीद 6 मई तक की जा चुकी है। खरीद केन्द्रों पर सोशल डिस्टेंसिंग का पूरा ध्यान रखा जा रहा है।
उन्होंने बताया कि उपज बेचान के लिए 78 हजार 849 किसानों को एसएमएस द्वारा सूचित किया जा चुका है। राजफैड की प्रबंध निदेशक सुषमा अरोड़ा ने बताया कि किसानों को उनकी सुविधा के अनुसार उपज बेचान हेतु खरीद केन्द्र का आवंटन किया जा रहा है।
विधायक कल्पना देवी ने लाडपुरा विधानसभा में चने की समर्थन मूल्य पर खरीद के ऑनलाइन टोकन जारी करने पर रोक लगाने पर आपत्ति जताते हुए कहा कि चना और सरसों की खरीद की सरकार व्यवस्था करें। विधायक ने बताया विधानसभा क्षेत्र में चना व सरसों की पैदावार अधिक हुई है।
सरकार की ओर से लाडपुरा पंचायत समिति क्षेत्र में केवल 185 किसानों का करीब 12 हजार बैग चना तथा 87 किसानों का 390 बैग सरसों की समर्थन मूल्य पर खरीद की गई है, जो कि खरीद का केवल 25 प्रतिशत ही सरकार ने समर्थन मूल्य पर खरीदा गया है, बाकि का 75 प्रतिशत उत्पादन सरकारी खरीद के अभाव में किसान मंडियों में कम दाम पर बेचने को विवश है। चने और सरसों की शत प्रतिशत खरीद होनी चाहिए।