GST के बाद खड़े हैं सड़कों पर लाखों ट्रक

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मुंबई। जीएसटी लागू होने के बाद से राज्यों के बीच टैक्स चुकाए बिना और कम मात्रा की रिपोर्ट के साथ भेजे जाने वाले गुड्स में कमी आने से देश के लगभग 60 लाख ट्रकों में से एक-चौथाई से अधिक बेकार खड़े हैं। इससे रीटेल फ्रेट चार्जेज में कमी आई है और ट्रांसपोर्ट और ट्रक मेकिंग बिजनेस पर बुरा असर पड़ रहा है।

इंडियन फाउंडेशन ऑफ ट्रांसपोर्ट रिसर्च एंड ट्रेनिंग के सीनियर फेलों एस. पी. सिंह ने बताया कि राज्यों के बीच फ्रेट चार्जेज 40-50 पर्सेंट कम हो गए हैं, जो तीन दशक से अधिक में सबसे अधिक गिरावट है।

ट्रांसपोर्टर्स का कहना है कि फ्रेट रेट में इस तरह की कमी 1984, 1988, 2008 और 2016 में डीमॉनेटाइजेशन के तुरंत बाद देखी गई थी।

हालांकि, जीएसटी लागू होने के बाद राज्यों की सीमा पर चेक पोस्ट हटने से ट्रक अब पहले से कम समय में अपनी मंजिल पर पहुंच रहे हैं और इसका फायदा ट्रांसपोर्टर्स को मिला है। देश में मौजूद लगभग 60 लाख ट्रकों की रेंज 5 से 49 टन के बीच है।

इनमें से 13 लाख ट्रकों के पास नैशनल परमिट और 12 लाख ट्रकों के पास अपने गृह राज्य और पड़ोसी राज्यों के लिए परमिट हैं। सिंह ने बताया कि इनमें से 40-45 पर्सेंट ट्रक अभी नहीं चल रहे हैं। अपने गृह राज्यों के लिए परमिट रखने वाले बाकी के 35 लाख ट्रकों में से करीब एक चौथाई बेकार खड़े हैं।

हालांकि, जीएसटी के कारण लंबी अवधि में इकनॉमिक ऐक्टिविटीज बढ़ने की उम्मीद है और इससे ट्रकों की डिमांड में वृद्धि होगी। इसका एक बड़ा फायदा कमर्शल वीइकल मार्केट को मिलेगा। अभी होलसेल और डिस्ट्रिब्यूशन से जुड़े कारोबारी बिना टैक्स वाले गुड्स को भेजने से कतरा रहे हैं।

टैक्स अधिकारियों को चकमा देने वाली बिना टैक्स वाली इनवॉयस फ्रेट मार्केट्स से लगभग गायब हो गई हैं। हालांकि, राजस्थान, मध्य प्रदेश, बिहार, छत्तीसगढ़, गुजरात और महाराष्ट्र के कुछ हिस्सों में इस तरह की गड़बड़ी अभी भी हो रही है।

फ्रेट बिजनेस घटने से ट्रांसपोर्टर्स नए ट्रक की खरीदारी टाल रहे हैं और उन्हें ट्रकों के लिए बकाया किस्तों को चुकाने में भी मुश्किल हो रही है। इस वजह से नॉन-बैंकिंग फाइनैंस कंपनियां ट्रकों के लिए फंडिंग को रोक सकती हैं।

ट्रक खरीदने के लिए भी कर्ज पर इंट्रेस्ट रेट बढ़ सकते हैं। जून क्वॉर्टर में मीडियम और हेवी ट्रक सेगमेंट में बिक्री 32 पर्सेंट गिरकर 48,993 यूनिट्स की रही थी। जीएसटी को लेकर अनिश्चितता के कारण इससे पिछले क्वॉर्टर में बहुत से ट्रांसपोर्टर्स ने समय से पहले ट्रक खरीदे थे।