सरकार कल से बेचेगी सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड, 6 किश्तों में होंगे जारी

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नई दिल्ली। सरकार ने अगले 6 महीने में यानी अप्रैल से लेकर सितबंर तक 6 बार सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड (Sovereign Gold Bonds) जारी करने का फैसला किया है। टाइमलाइन के मुताबिक, बॉन्ड सितंबर तक 6 किस्तों में जारी किए जाएंगे। बैंकों और बडे डाक घरों बेंचे जा सकेंगे। रिजर्व बैंक (RBI) ये सभी किस्तें जारी करेगा। सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड ((Sovereign Gold Bonds) में इन्वेस्ट करके आप अपना पैसा सुरक्षित रख सकते हैं।

इस स्कीम में आप कम से कम 1 ग्राम सोना इनवेस्ट कर सकते हैं। वहीं एक व्यक्ति के लिए सोना इनवेस्ट करने की अधिकतम सीमा 4 किलो है। सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड की पहली किस्त को 2020-21 सीरीज नाम दिया गया है।

जानिए किस तारीख को जारी होंगे बॉन्ड

  • पहली सीरीज: 20 अप्रैल से लेकर 24 अप्रैल के बीच इसका सब्सक्रिप्शन (Subscription) लिया जा सकता है। पहली किस्त 28 अप्रैल को जारी किया जाएगी।
  • दूसरी सीरीज: 11 मई से लेकर 15 मई के बीच सब्सक्रिप्शन लिया जा सकता है। इसकी किस्त 19 मई को जारी की जाएगी।
  • तीसरी सीरीज: 8 जून से लेकर 12 के बीच सब्सक्रिप्श लिया जा सकता है। इसकी किस्त 16 जून को जारी की जाएगी।
  • चौथी सीरीज: 6 जुलाई से लेकर 10 जुलाई के बीच सब्सक्रिप्शन लिया जा सकता है। इसकी किस्त 14 जुलाई को जारी की जाएगी।
  • पांचवीं सीरीज: 3 अगस्त से लेकर 7 अगस्त के बीच सब्सक्रिप्शन लिया जा सकता है। इसकी किस्त 11 अगस्त को जारी की जाएगी।
  • छठी सीरीज: 31 अगस्त से लेकर 4 सितंबर के बीच सब्सक्रिप्शन लिया जा सकता है। इसकी किस्त 8 सितंबर को जारी की जाएगी।

1 ग्राम से 4 किलो तक खरीद सकते हैं सोना
कोई शख्स एक वित्त वर्ष में मिनिमम 1 ग्राम और मैक्सिमम 4 किलोग्राम तक वैल्यू का बॉन्ड खरीद सकता है। हालांकि किसी ट्र्स्ट के लिए खरीद की अधिकतम सीमा 20 किग्रा है। कोई भी व्यक्ति एक फिस्कल ईयर में 500 ग्राम सोने के बॉन्ड खरीद सकता है। बॉन्ड का मेच्योरिटी पीरियड 8 साल का है। लेकिन निवेशकों को 5 साल के बाद बाहर निकलने का मौका मिलता है। यानी अगर आप निकालना चाहते हैं तो 5 साल के बाद निकाल सकते हैं।

गोल्ड बॉन्ड के फायदे
गोल्ड बांड में सोने में आने वाली तेजी का फायदा तो मिलता ही है साथ ही इस पर सालाना 2.5 फीसदी ब्याज भी मिलता है। ब्याज निवेशक के बैंक खाते में हर 6 महीने पर जमा किया जाता है। इसमें आप अपना टैक्स भी बचा सकते हैं। अंतिम ब्याज मूलधन के साथ मेच्योरिटी पर दिया जाता है। मेच्योरिटी पीरियड 8 साल है, लेकिन 5 साल, 6 साल और 7 साल का भी विकल्प होता है। अगर सोने के बाजार मूल्य में गिरावट आती है तो कैपिटल लॉस का खतरा भी हो सकता है।