वाराणसी। कोरोना वायरस को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को देश में 21 दिनों के लॉकडाउन की घोषणा की है। इसके बाद बुधवार को उन्होंने अपने संसदीय क्षेत्र वाराणसी के लोगों से संवाद किया और उनके सवालों के जवाब दिए। अपने संबोधन की शुरुआत में प्रधानमंत्री ने कहा कि नवरात्रि के पहले दिन मां शैलपुत्री की पूजा होती है, उन्हें प्रकृति की देवी भी कहा जाता है। आज देश जिस संकट के दौर से गुजर रहा है, उसमें हमें उनके आशीर्वाद की जरूरत है। मेरी मां शैलपुत्री से कामना है कि कोरोना महामारी के खिलाफ देश ने जो युद्ध छेड़ा है, उसमें हमें विजय मिले।
उन्होंने कहा, ‘काशी का सांसद होने के नाते मुझे ऐसे समय आपके बीच होना चाहिए था। लेकिन यहां दिल्ली में जो हो रहा है उससे आप परिचित हैं। यहां की व्यवस्तता के बावजूद मैं लगातार काशी के अपडेट ले रहा हूं। याद कीजिए महाभारत का युद्ध 18 दिन में जीता गया था, कोरोना के खिलाफ युद्ध जो हम लड़ रहे हैं उसमें 21 दिन लगेंगे। महाभारत के युद्ध के समय कृष्ण सारथी थे, आज 130 करोड़ सारथियों के बलबूते पर हमें ये युद्ध जीतना है।’
कोरोना के खिलाफ युद्ध में होगी काशी की अहम भूमिका’
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि कोरोना के खिलाफ इस युद्ध में काशी के लोगों की अहम भूमिका होगी। लॉकडाउन के समय में काशी देश को संयम, समन्वय और सहनशीलता सिखा सकती है। काशी का तो अर्थ ही है कल्याण। महादेव की नगरी में यह सामर्थ्य नहीं होगा तो किसमें होगा। कोरोना महामारी को लेकर देश में व्यापक तैयारी की जा रही है, लेकिन हमें ध्यान रहना है कि घरों में बंद रहना एकमात्र उपाय है।
पीएम ने कहा, लोग गलतफहमी से निकलें और सच्चाई जानें
बनारस के रहने वाले कृष्णकांत बाजपेई ने पीएम मोदी से सवाल किया कि कई लोग इसको लेकर उदासीन हैं कि हमारा परिवेश ऐसा है कि हमें कोरोना नहीं हो सकता है, गर्मी आने पर यह वायरस अपने आप खत्म हो जाता है। ऐसे लोगों को आप क्या संदेश देना चाहेंगे? इस सवाल के जवाब में पीएम मोदी ने कहा कि लोगों की यह आदत होती है कि जो बात उनके अनुकूल होती है लोग उसे मान लेते हैं। इसमें जरूरी और ध्यान देने वाली बातें छूट जाती हैं। मेरा इन लोगों से आग्रह है कि गलतफहमी से निकलें और सच्चाई जानें। इस बीमारी की सबसे बड़ी बात है कि यह समृद्ध से लेकर गरीब तक को निशाना बनाती है। यह वायरस उनको भी अपनी चपेट में ले लेता है, जो अपने स्वास्थ्य का भरपूर ध्यान रखते हैं। इन सबमें ध्यान लगाने की जगह बीमारी कितनी भयानक है उसका अहसास करना चाहिए।
‘लोगों को पता है कि क्या सावधानी बरतनी है’
प्रधानमंत्री ने कहा कि कई लोग ये बातें समझते हैं, लेकिन अमल नहीं करते हैं। उन्हें पता है कि क्या सावधानी बरतनी है, लेकिन उस पर ध्यान नहीं देते। टीवी पर दिखाते हैं कि सिगरेट और गुटखा खाने से कैंसर होता है, उन्हें पता होता है मगर वे सावधानी नहीं बरतते हैं। नागरिक के रूप में हमें अपने कर्तव्य का अहसास होना चाहिए। हमें घर पर रहना है और दूरी बनाकर रखनी है। कोरोना से बचने का यही एक उपाय है।
‘अस्पताल में सफेद कपड़ों में घूम रहे हैं ईश्वर के अवतार’
काशी की एक महिला ने कोरोना पीड़ितों के इलाज में लगे डॉक्टर-नर्सों से बदसलूकी की घटनाओं की ओर प्रधानमंत्री का ध्यान दिलाया और पूछा कि इनकी सुरक्षा के लिए सरकार क्या कर रही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देशभर में कोरोना वायरस से पीड़ित मरीजों के इलाज में लगे डॉक्टरों और नर्सों के साथ भेदभाव को गलत ठहराया। उन्होंने कहा कि अस्पताल में सफेद कपड़ों में घूम रहे ये डॉक्टर-नर्स ईश्वर का अवतार हैं। जो लोग अपने स्वार्थ को पीछे छोड़कर देशसेवा में लगे हैं, उनका सार्वजनिक सम्मान होना चाहिए। मैंने गृह विभाग और राज्यों के डीजीपी को निर्देश दिया है कि ऐसे किसी भी मामले पर सख्त कार्रवाई करें।
’21 दिन तक हर दिन 9 गरीब परिवारों की मदद करें’
काशी के एक कपड़ा व्यवसायी अखिलेश ने लॉकडाउन के दौरान गरीबों और पशुओं के भूखे रहने के मुद्दे भी उठाया। इस पर मोदी ने कहा कि आज से नवरात्रि शुरू हुए हैं। जो लोग समर्थ हैं वे अगले 21 दिन तक हर दिन 9 गरीब परिवारों की मदद करने का प्रण लें। अगर हम इतना कर लें तो इससे बड़ी मां की आराधना क्या होगी। अपने आसपास जो पशु हैं उनकी भी चिंता करनी है। उनके सामने भोजन का संकट है। मेरी लोगों से प्रार्थना है कि अपने आसपास पशुओं का भी ध्यान रखें। अगर मैं कहूं कि सबकुछ ठीक है, तो खुद को धोखा दे रहा हूं। केंद्र और राज्य सरकार जो हो सकता है उसके लिए भरसक प्रयास कर रही हैं। हमारे सामने चुनौतियां हैं और हमें इनसे मिलकर निपटना है।