नई दिल्ली। रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने ऑनलाइन पेमेंट को लेकर नए नियमों को लेकर गाइडलाइन्स जारी की हैं। रिजर्व बैंक ने यह नियम पेमेंट एग्रीगेटर्स के लिए जारी किए हैं ताकि यूजर्स के डिजिटल पेमेंट को सुरक्षित किया जा सके। RBI द्वारा एक नोटिफिकेशन गाइनडलाइन्स ऑन रेगुलेशन ऑफ पेमेंट एग्रीगेटर्स एंड पेमेंट गेटवे के लिए 17 मार्च को जारी किया है।
इन गाइडलाइन्स का उद्देश ऑनलाइन पमेंट के दौरान ग्राहकों को ज्यादा से ज्यादा सुरक्षा देना है। इतना ही नहीं रिजर्व बैंक ने प्रोडक्ट ना खरीदने या शॉपिंग के दौरान मिलने वाले रिफंड को यूजर के बैंक खाते में डालने के निर्देश दिए हैं। जो गाइडलाइन जारी हुई है उसके हिसाब से अब सभी पेमेंट एग्रीगेटर्स ऑनलाइन पेमेंट के दौरान किसी भी ग्राहक से उसका ATM PIN नहीं मांग सकते।
पेमेंट पूरा करने के लिए उन्हें OTP ही जारी करना होगा। इसका मतलब है कि किसी भी 2000 रुपए से ऊपर के पेमेंट के लिए ग्राहकों को एटीएम पिन की बजाय ओटीपी जारी किया जाएगा। इस तरह ग्राहक का ATM PIN ऑनलाइन नहीं यूज होगा और सेफ रहेगा।
रिफंड का पैसा आपके खाते में आए ना कि ई-वॉलेट में
इसके साथ ही रिजर्व बैंक ने कहा है कि सभी एग्रीगेटर्स इस बात का भी ध्यान रखें कि किसी भी तरह का रिफंड पेमेंट के लिए उपयोग हुए प्राइमरी अकाउंट में ही भेजे जाएंगे। फिलहाल कई ई-कॉमर्स कंपनियां रिफंड का पैसा यूजर के पेमेंट वॉलेट में डाल देती हैं और यूजर को उसका पैसा कैश के रूप में वापस नहीं मिलता है। हालांकि, याद रहे यह नियम कैशबैक पर लागू नहीं होगा। अगर आपने पेमेंट के लिए यूपीआई को चुना है तो रिफंड का पैसा आपके खाते में जाएगा ना कि ई-वॉलेट में। साथ ही रिजर्व बैंक ने एग्रीगेटर्स से यह भी कहा है कि वो व्यापारियों का बैकग्राउंड भी चेक करें जिससे ग्राहकों के साथ होने वाली किसी भी तरह के फ्रॉड को रोका जा सके।