नई दिल्ली। इस बार के बजट में EPS यानी कर्मचारी पेंशन स्कीम के तहत वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण निजी क्षेत्र के कर्मचारियों की न्यूनतम पेंशन बढ़ाने का ऐलान कर सकती है। इसे लेकर कई यूनियन्स की लंबे अरसे से मांग रही है।
कुछ दिन पहले श्रम मंत्री संतोष गंगवार के साथ हुई बैठक में यूनियन्स, खासकर भारतीय मजदूर संघ ने EPS के मुद्दे का उठाया था और न्यूनतम पेंशन को 1000 रुपये से बढ़ाकर 6000 रुपए करने की मांग रखी थी। इसी मांग को बजट पूर्व चर्चा में वित्त मंत्री के सामने भी रखा था ।
बजट में EPS में पेंशन सीमा बढ़ाने के अलावा EPS के कम्यूटेशन अथवा अग्रिम आंशिक निकासी का पुराना प्रावधान भी बहाल किया जा सकता है। इसके तहत कर्मचारियों को रिटायरमेंट के वक्त भविष्य निधि के साथ पेंशन की कुछ राशि एकमुश्त तौर पर लेने का अधिकार होता है।
लेकिन, इससे मासिक पेंशन में 15 वर्षों तक एक तिहाई की कमी हो जाती है। 2009 में इस व्यवस्था को बंद कर दिया गया था। पिछले दिनों ईपीएफओ ने इसे बहाल करने की सिफारिश सरकार से की है। इससे साढ़े छह लाख कर्मचारियों को फायदा मिलेगा।
इसके अलावा निजी क्षेत्र के कर्मचारियों की आमदनी बढ़ाने के अन्य उपाय भी किए जा सकते हैं। जिनमें आयकर छूट की सीमा में बढ़ोतरी पर सभी की निगाहें हैं। इसके अलावा कर्मचारियों की भविष्य निधि यानी ईपीएफ तथा स्वास्थ्य बीमा अर्थात ईएसआई से जुड़े अहम कदम भी उठाए जा सकते हैं।