नई दिल्ली। वित्त मंत्री निर्मला सीतारण ने कहा है कि छोटे उद्यमियों के बैंक (एमएसएमई) खाते में किसी प्रकार की कमी है या खाते से जुड़ी किसी भी प्रकार की परेशानी है तो एमएसएमई 7 जनवरी तक इसे ठीक करा सकते हैं। सरकार एमएसएमई के खातों को दुरुस्त करने के लिए विशेष अभियान चला रही है। 7 दिसंबर से यह अभियान शुरू हुआ था और 7 जनवरी तक जारी रहेगा। इस दौरान खातों संबंधी अपनी समस्याओं के लिए एमएसएमई किसी भी सरकारी बैंक को अप्रोच कर सकते हैं।
एसोचैम के वार्षिक सम्मेलन को संबोधित करते हुए सीतारमण ने कहा कि तंगी की स्थिति से गुजर रही एमएसएमई इकाइयों को एनपीए (गैर निष्पादित संपत्ति) की श्रेणी में नहीं रखा जाएगा। उन्होंने कहा कि हम एमएसएमई की भलाई के लिए उसकी परिभाषा को बदलाना चाहते हैं और इस दिशा में काम भी चल रहा है। लेकिन इस काम के लिए हम हर एमएसएमई का विचार जान रहे हैं, सिर्फ दिल्ली में बैठकर यह कवायद नहीं की जा रही है।
सीतारमण ने औद्योगिक जगत और उद्यमियों से खुद को संदेह से बाहर करने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि वे इन बातों पर विचार करना या सोचना छोड़ दे कि क्या वे ऐसा नहीं कर सकते, भारत में ऐसा नहीं हो सकता, इस प्रकार की नकारात्मक बातों को सोचना छोड़ उन्हें आगे आना पड़ेगा। उन्होंने उद्यमियों से कहा कि आप भारत में भरोसा रखे। आपने ही पिछले 100 सालों में कितना कुछ किया है। अभी आपको और ज्यादा करने की जररूत है।
सरकार कारोबार को बंद नहीं करना चाहती है
उन्होंने उद्यमियों से कहा कि वे नीलामी प्रक्रिया में हिस्सा लेकर विनिवेश में भागीदार बने। सीतारमण ने कहा कि सरकार कारोबार को बंद नहीं करना चाहती है। सरकार वैधानिक व प्रशासनिक सुधारों के जरिए कारोबार में और तेजी लाना चाहती है, कारोबार में जान फूंकना चाहती है।