नई दिल्ली. नोटबंदी के दौरान 50 दिनों में अगर आपने लोन की ईएमआई या क्रेडिट कार्ड का बिल चुकाने के लिए 2 लाख रुपए या उससे ज्यादा का कैश भुगतान किया है तो इसकी जानकारी आईटीआर के 1 पेज वाले नए फॉर्म में देनी होगी। इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने हाल ही में असेसमेंट ईयर 2017-18 के लिए नए आईटीआर फॉर्म.नोटिफाई किए थे। असल में नोटबंदी के बाद ऐसी खबरें आई थीं कि बहुत से लोगों ने ब्लैकमनी का इस्तेमाल हैवी परचेजिंग के बाद क्रेडिड कार्ड का बिल सेटलमेंट करने.या लोन का पेमेंट करने में किया है। अब ऐसे ट्रांजैक्शन का पता लगाया जा रहा है।
इसके लिए नए फॉर्म में होगा अलग कॉलम…
– नए फॉर्म में इनकम डिक्लेरेशन, टैक्स का भुगतान और छूट का दावा करने के अलावा एक नया कॉलम होगा। इनकम टैक्स डिपार्टमेंट के एक सीनियर अफसर के मुताबिक, अगर 9 नवंबर से 30 दिसंबर के बीच.आपने अपने लोन चुकाने के लिए या क्रेडिट कार्ड का बिल भरने के लिए 2 लाख या इससे ज्यादा कैश भुगतान किया है तो यह जानकारी नए कॉलम में देनी होगी। इसके अलावा इन 50 दिनों में अगर बैंक में 2 लाख रुपए डिपॉजिट किए हैं, तो भी इसी कॉलम के जरिए आईटी डिपार्टमेंट को यह बात बतानी होगी। – सभी क्रेडिट कार्ड पैन से लिंक होते हैं। ज्यादातर बैंक पैन की जानकारी लेने के बाद ही लोन प्रोवाइड करते हैं। ऐसे में यह पता लगाना आसान होगा कि कि ये पेमेंट एनुअल इनकम से मैच कर रही है या नहीं। नया फॉर्म हो चुका है नोटिफाई – इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने असेसमेंट ईयर 2017-18 के लिए यह नया फॉर्म नोटिफाई कर कर दिया है। इनमें सबसे बड़ा बदलाव यह किया गया है कि अब फॉर्म आईटीआर-1 तीन के बजाय एक पेज का हो गया है।
इस फॉर्म को सहज नाम दिया इसे वो टैक्सपेयर्स भर सकेंगे, जिनकी सालाना इनकम 50 लाख रुपए तक है। यह इनकम टैक्स डिपार्टमेंट की वेबसाइट पर अवेलेबल है।
ये किए गए हैं बदलाव
– इनकम टैक्स डिपार्टमेंटने आईटीआर-1 फार्म में कुछ प्वॉइंट्स हटा दिए हैं, जिससे यह छोटा और ज्यादा आसान बन गया है।
– मौजूदा आईटीआर-2, आईटीआर-2ए और आईटीआर-3 को मिलाकर एक अकेला आईटीआर-2 फॉर्म लाया गया है। – आईटीआर फॉर्म्स की तादाद भी कम कर दी गई है। अब 9 की जगह 7 रिटर्न फॉर्म रह गए हैं। – अब आईटीआर-4 को आईटीआर-3 कहा जाएगा और आईटीआर-4एस.फॉर्म को आईटीआर-4 कहा जाएगा। आईटीआर-1 फॉर्म में पहले से कम बॉक्स – फाइनेंशियल ईयर 2017-18 के आईटीआर-1 रिटर्न फॉर्म में पर्सनल टैक्सपेयर्स के लिए इन्फॉर्मेशन भरने के बॉक्स पहले से कम…
होंगे। – इसमें सिर्फ उन्हीं प्वॉइंट्स को रखा गया है जिन्हें आमतौर पर इस्तेमाल में लाया जाता है। इस फार्म का नाम ‘सहज’ रखा गया है।
31 जुलाई तक भरा तक भरा जा सकता है
। – रिटर्न फॉर्म भरते वक्त टैक्स पेयर को अपना पैन, आधार नंबर, पर्सनल इन्फॉर्मेशन देनी होगी। – इसके साथ ही उसकी ओर से भरे गए टैक्स, टीडीएस.की जानकारी खुद ही उसमें आ जाएगी। – 1 जुलाई के बाद से टैक्सपेयर्स के लिए आधार नंबर या आधार नंबर के लिए एप्लाई किया गया है, उसकी जानकारी भी देना जरूरी है। पैन रखने वाले सिर्फ 21% भरते हैं रिटर्न – इनकम टैक्स डिपार्टमेंट की वेबसाइट पर आईटीआर-1 से लेकर आईटीआर-6 तक फॉर्म मौजूद हैं। सरकार की इस. पहल का मकसद लोगों को रिटर्न दाखिल करने के लिए इंस्पायर करना भी है। – अभी पैन रखने वाले 29 करोड़ लोगों में से सिर्फ 6 करोड़ यानी करीब 21%.भरते हैं रिटर्न – इनकम टैक्स डिपार्टमेंट की वेबसाइट पर आईटीआर-1 से लेकर आईटीआर-6 तक फॉर्म मौजूद हैं। सरकार की इस पहल का मकसद लोगों को रिटर्न दाखिल करने केरिटर्न दाखिल करने के लिए इंस्पायर करना भी है। – अभी पैन रखने वाले 29 करोड़ लोगों में से सिर्फ 6 करोड़ यानी करीब 21% लोग ही इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करते हैं।..
पैन रखने वाले सिर्फ 21% भरते हैं रिटर्न
– इनकम टैक्स डिपार्टमेंट की वेबसाइट पर आईटीआर-1 से लेकर आईटीआर-6 तक फॉर्म मौजूद हैं। सरकार की इस पहल का मकसद लोगों को रिटर्न दाखिल करने के लिए इंस्पायर करना भी है। – अभी पैन रखने वाले 29 करोड़ लोगों में से सिर्फ 6 करोड़ यानी करीब 21% लोग ही इनकम टैक्स रिटर्न…