जयपुर। नागरिकता संशोधन कानून और एनआरसी के खिलाफ मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की अगुवाई में कांग्रेस ने रविवार को शांति मार्च निकाला। शांति मार्च सुबह ग्यारह बजे से अल्बर्ट हॉल से शुरु हुआ जो गांधी सर्किल तक निकाला गया। इस दौरान शहर के चप्पे-चप्पे पर पुलिस तैनात रही।शांति मार्च में लोग झंड लिया और तख्तियां लिए निकले। मार्च शांतिपूर्ण और अहिंसात्मक तरीके से निकाला गया।
इसमें सीएम अशोक गहलोत के अलावा अन्य कांग्रेस नेता और कार्यकर्ता मौजूद रहे। शांति मार्च में केन्द्र सरकार से मांग की कि वो नागरिकता कानून को वापस लें। वहीं पब्लिक ट्रांसपोर्ट भी बंद रखा गया, साथ ही रूट डायवर्जन भी किया गया। इससे लोगों को काफी परेशानी हुई।
शांति मार्च को देखते हुए। विशेष तौर से चारदीवारी में सुरक्षा के खास इंतजाम किए गए। शांति मार्च के दौरान सुरक्षा व्यवस्था के लिए 7500 पुलिसकर्मी तैनात किए गए हैं। शांति मार्च में उपस्थित हर व्यक्ति पर वीडियोग्राफी व सीसीटीवी कैमरों की नजर रही। वहीं सोशल मीडिया प्लेटफ फाफर्म पर अभय कमांड सेंटर से भी निगरानी रखी जा रही है।
लोग परेशान
शहर में कांग्रेस के मार्च को देखते हुए सुबह 6 बजे से रात 8 बजे तक इंटरनेट बंद रखा गया। वहीं लो-फ्लोर बसें भी सुबह 5 बजे से शाम 4 बजे तक नहीं चल रही हैं। मेट्रो सेवा सुबह 8 बजे से दोपहर 2 बजे तक बंद रखी गई। वहीं परकोटे के बाजार भी बंद है। इसके चलते आम जनजीवन प्रभावित हुआ।
शहर मानों थम सा गया। बसें और इंटरनेट बंद होने से लोग घरों में ही रहे, कहीं आ जा नहीं सके। इसके चलते शहर थम सा गया। जानकारी के मुताबिक बसें बंद रहने से करीब डेढ़ लाख यात्री व मेट्रो बंद होने से लगभग 8 हजार यात्री प्रभावित रहे।
ड्रोन से निगरानी
चारदीवारी में क्यूआरटी टीम, एसटीएफ और थानों के साथ पुलिस लाइन का जाप्ता भी तैनात है। सभी जिलों की जेब्रा टीम को सर्तकता बरतने को कहा गया है। चारदीवारी में ड्रोन के माध्यम से भी निगरानी रखी जा रही है। शांति समिति व सीएलजी मैम्बर के सदस्यों से पुलिस वार्ता कर चुकी है। शहर की यातायात व्यवस्था में आमूल-चूल बदलाव किया गया।