नोटबंदी के बाद में डिजिटल लेन-देन तेजी से बढ़ा

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 पीओएस टर्मिनल पर क्रेडिट और डेबिट कार्ड के जरिये 10,000 करोड़ रुपये के लेन-देन से उपभोक्ता मूल्य सूचकांक आधारित मुद्रास्फीति में 1.1 प्रतिशत की कमी आएगी।

मुंबई। नोटबंदी और बिक्री केंद्र पीओएस टर्मिनल पर डेबिट और क्रेडिट कार्ड के उपयोग को बढ़ावा देने की सरकार की पहल से डिजिटल भुगतान में तीव्र वृद्धि हुई है और सात महीने में यह 70,000 करोड़ रुपये के स्तर पर पहुंच गया।

भारतीय स्टेट बैंक की रिपोर्ट इकोफ्लैश के अनुसार, अगर नोटबंदी नहीं होती तो पीओएस टर्मिनल के जरिये क्रेडिट और डेबिट कार्ड के जरिये लेन-देन के 70,000 करोड़ रुपये पहुंचने में तीन साल लगते। इसमें सालाना 25 प्रतिशत वृद्धि को आधार बनाया गया है।

भारत ने डिजिटलीकरण के मामले में छलांग लगाते हुए तीन साल में हासिल होने वाली चीज को केवल सात महीने में पूरा किया। रिपोर्ट के अनुसार नोटबंदी के सात महीने बाद भी यदि स्थिति को देख जाये तो डिजिटल लेन-देन मूल्य बढ़ा है और आलोच्य महीने या पिछले साल की अवधि की तुलना में इसके दोगुना होने का अनुमान है।

  • नोटबंदी के बाद बैंकों ने 11.8 लाख अतिरिक्त पीओएस टर्मिनल स्थापित किये हैं।
  • रिपोर्ट के मुताबिक पीओएस टर्मिनल की संख्या बढ़ने तथा डिजटल लेन-देन में सुगमता से लेन-देन का यह स्तर और उुपर जाएगा।
  • इसी प्रकार की प्रवृति मोबाइल वालेट, पीपीआई कार्ड जैसे प्री-पेड उत्पादों (पीपीआई) के मामले में देखने को मिली है।
  • मई 2017 में पीपीआई के जरिये 10,700 करोड़ रूपये मूल्य का लेन-देन हुआ जो नवंबर 2016 में 5,100 करोड़ रुपये था।