चंडीगढ़। पंजाब सरकार के पास वेतन देने के लिए पैसे नहीं हैं तो विधायकों को इन्कम टैक्स से छूट क्यों दी जा रही है। इस संबंध में हाईकोर्ट में एक जनहित याचिका दायर की गई। जस्टिस राजीव शर्मा व जस्टिस एचएस सिद्धू की खंडपीठ ने पूछा कि क्या स्टेट एसेंबली इस तरह का कानून पास नहीं कर सकती।
खंडपीठ ने मामले में 5 दिसंबर के लिए अगली सुनवाई तय की है। कोर्ट ने याची से पूछा कि वे इस मामले में कैसे प्रभावित हैं। एचसी अरोड़ा ने कहा कि वे हर साल टैक्स का भुगतान करते हैं और हर वो व्यक्ति प्रभावित है जो टैक्स का भुगतान करता है।
याचिका में कहा गया कि पंजाब के वित्त मंत्री ने मुख्यमंत्री को पत्र लिख खराब वित्तीय हालत की बात कही है। इसमें कहा गया कि कर्मचारियों को वेतन का भुगतान करना भी मुश्किल हो गया है। वहीं दूसरी ओर पंजाब विधानसभा के सदस्यों के वेतन व भत्तों में छूट के लिए एक्ट में संशोधन कर दिया गया। इसमें विधायकों को इनकम टैक्स अदा करने से छूट देते हुए सरकार द्वारा इसका भुगतान करने का फैसला लिया गया।
याचिका में कहा गया कि मुख्यमंत्री आफिस की तरफ से मीडिया को दी सूचना के मुताबिक हर साल 10.72 करोड़ रुपये विधायकों के टैक्स का भुगतान सरकार कर रही है। याचिका में कहा गया कि पहले मंत्री व डिप्टी मंत्रियों को भी टैक्स से छूट दी गई थी लेकिन 27 अप्रैल 2018 को यह छूट वापस ले ली गई थी लेकिन विधायकों को इससे छूट जारी है। ऐसे में यह छूट वापस ली जानी चाहिए।