नई दिल्ली। क्या आप भी ऑटोमैटिक कार में लॉन्ग ड्राइव पर जाते हैं? क्या आपको भी स्लिम फिट वाली टाइट जींस पहनना पसंद है? अगर इन सभी सवालों का जवाब हां है तो यह अनमोल सलाह आपकी जिंदगी बचा सकती है। आप ऑटोमैटिक कार में लॉन्ग ड्राइव पर जा रहे हैं तो हर 1-2 घंटे बाद ब्रेक लें, रिलैक्स हो जाएं, पैरों को अच्छे से हिलाएं, टाइट कपड़े पहनने की बजाए कंफर्टेबल कपड़े पहनकर गाड़ी चलाएं।
ये सब हम आपके इसलिए कह रहे हैं क्योंकि अगर आपने जरा भी लापरवाही बरती तो आपके साथ भी वही हो सकता है जो दिल्ली के एक युवक के साथ हुआ। युवक पिछले महीने मरते-मरते बचा, जब वह पल्मोनरी एम्बोलिज्म का शिकार हो गया था। दरअसल दिल्ली से ऋषिकेश और ऋषिकेश से दिल्ली ट्रैवल करने के दौरान युवक एक लग्जरी ऑटोमैटिक कार चला रहा था । कार ऑटोमेटिक थी इसलिए उनके बाएं पैर का इस्तेमाल भी नहीं हो रहा था।
लॉन्ग ड्राइव बनी जानलेवा
घंटों पैर मुड़ा रहा और टाइट जींस की वजह से पैर में खून सही तरीके से नहीं पहुंच पा रहा था। इस वजह से ड्राइव करते वक्त युवक के लेफ्ट पैर में ब्लड क्लॉट (खून का थक्का) बन गया। क्लॉट की वजह से दर्द महसूस हुआ लेकिन शराब के नशे में युवक ने इस दर्द को नजरअंदाज कर दिया। यह क्लॉट, खून में ट्रैवल करता हुआ पैरों से होते हुए फेफड़ों तक पहुंच गया जिससे युवक के फेफड़ों की आर्टरी में ब्लॉकेज आ गई और हार्ट और ब्रेन ने काम करना बंद कर दिया।
इलाज के बाद डॉक्टरों ने बताया कि इस भयानक पल्मोनरी एम्बोलिज्म की वजह 8 घंटे लंबी ड्राइव थी। युवक की टांग अकड़ गई थी और उस दौरान हलचल बिल्कुल नहीं हुई। वहीं युवक ने टाइट जीन्स पहनी थी, जो खून का थक्का जमने की एक वजह हो सकती है। डॉक्टर ने कहा कि पल्मोनरी एम्बोलिज्म एक जानलेवा समस्या है और इसके 50 प्रतिशत मामलों में दिल का दौरा पड़ता है।
क्या करें, क्या नहीं
- एक ही पोजिशन में बहुत देर तक बैठे न रहें
- लॉन्ग ड्राइव पर जाएं तो 1-2 घंटे के बाद ब्रेक लेकर गाड़ी चलाएं ताकि पैर रिलैक्स हो
- खूब सारा पानी पिएं। लॉन्ग कार ड्राइव या फ्लाइट की जर्नी के दौरान भी वॉक करते रहें
- कंफर्टेबल कपड़े पहनें। टाइट कपड़ों की वजह से भी ब्लड क्लॉट होता है
- ऐल्कॉहॉल का सेवन न करें। डिहाइड्रेशन की वजह से क्लॉटिंग का रिस्क रहता है
- जो लोग ओवरवेट हैं या किसी तरह की बीमारी या सर्जरी से रिकवर कर रहे हों उनमें भी ब्लड क्लॉट होने का खतरा रहता है