नई दिल्ली। गूगल अधिकृत कंटेंट शेयरिंग ऐप यूट्यूब ने नई शर्तें जारी की हैं, जिनकी दुनियाभर के कंटेंट क्रीएटर आलोचना कर रहे हैं। नई शर्तों के तहत यूट्यूब ऐसे किसी भी अकाउंट को टर्मिनेट कर सकता है, जो व्यावसायिक रूप से अच्छा काम नहीं कर रहा है। यह शर्तें 10 दिसंबर से असर में आ जाएंगी। यूट्यूब ने अपने यूजर्स को इन बदलावों के बारे में ई-मेल भेजना शुरू कर दिया है।
यूट्यूब की सेवा की नई शर्तों में लिखा है कि अगर यूट्यूब को लगेगा कि आपको दी जा रही सेवा व्यावसायिक रूप से फायदेमंद नहीं है, तो यूट्यूब इस सेवा तक आपकी या आपके गूगल अकाउंट की पहुंच को टर्मिनेट कर सकता है। यूट्यूब ने यह भी कहा कि हम आपको इस टर्मिनेशन या सस्पेंशन का कारण बताएंगे। इस नए नियम का यूजर्स विरोध कर रहे हैं।
पारदर्शिता बढ़ाने की कोशिश
यूट्यूब ने ई-मेल में लिखा है कि, नई शर्तों के मुताबिक, अगर आपका गूगल अकाउंट टर्मिनेट हो गया है या आपका गूगल अकाउंट उस सेवा तक नहीं पहुंच पा रहा है, तब भी आप बिना अकाउंट के यूट्यूब की सेवा के कुछ हिस्सों का इस्तेमाल जारी रख सकते हैं। यह एग्रीमेंट ऐसे इस्तेमाल पर भी लागू होगा। अगर आपको लगता है कि आपका अकाउंट गलती से टर्मिनेट हुआ है ताे आप अपील कर सकते हैं। यूट्यूब का कहना है कि वह पारदर्शिता बढ़ाने के लिए अपनी सेवा की शर्तों में बदलाव कर रहा है। इन बदलावों से गूगल की प्राइवेसी पॉलिसी और यूजर्स का डाटा इकठ्ठा करके प्रोसेस करने की प्रक्रिया में कोई अंतर नहीं आएगा।