नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने 1 दिसंबर 2019 से पूरे देश में सभी प्रकार के मोटर वाहनों में फास्टैग को लगाना अनिवार्य कर दिया है। इस संबंध में आरबीआई ने नोटिफिकेशन भी जारी कर दिया है। यह एक रेडियो फ्रीक्वेंसी आइडेंटिफिकेशन टैग है जिसे वाहन के विंडशील्ड पर लगाया जाता है।
जब कोई वाहन टोल प्लाजा से गुजरता है तो वहां लगे उपकरण ऑटोमैटिक तरीके से टोल टैक्स की वसूली कर लेते हैं। इससे वाहन चालकों को समय की बचत होती है। जल्दी ही आप अपने वाहन के फास्टैग से पार्किंग और पेट्रोल-डीजल की खरीदारी के बिल का भुगतान भी कर सकेंगे। इसके लिए भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने अपनी अंतिम मंजूरी दे दी है।
आरबीआई की ओर से जारी नोटिफिकेशन में सभी अधिकृत पेमेंट सिस्टम्मस और इंट्रूमेंट्स जैसे नॉन बैंकिंग प्रीपेड पेमेंट इंस्ट्रूमेंट, कार्ड्स और यूपीआई को नेशनल इलेक्ट्रॉनिक टोल कलेक्शन (एनईटीसी) से जोड़ा जाएगा। फास्टैग का संचालन नेशनल पेमेंट कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया (एनपीसीआई) की ओर से किया जाता है।
528 से ज्यादा टोल प्लाजा पर फास्टैग से कलेक्शन
नेशनल इलेक्ट्रॉनिक टोल कलेक्शन प्रोग्राम के तहत सभी टोल प्लाजाओं को फास्टैग के जरिए टोल वसूली के जरिए तैयार किया जा रहा है। एनपीसीआई के आंकड़ों के अनुसार वर्तमान में देश के 528 से ज्यादा टोल प्लाजा पर फास्टैग के जरिए टोल टैक्स की वसूली की जा रही है।
यहां से खरीद सकते हैं फास्टैग
- भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण की ओर से संचालित टोल प्लाजा।एसबीआई, एचडीएफसी, आईसीआईसीआई समेत कई बैंक।
- ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पेटीएम, अमेजन डॉट कॉम।
- इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन, भारत पेट्रोलियम, हिन्दुस्तान पेट्रोलियम के पेट्रोल पंप।
- नेशनल हाईवे अथॉरिटी की माई फास्ट ऐप।
फास्टैग खरीदने के लिए यह कागजात चाहिए
- गाड़ी का रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट
- गाड़ी मालिक की पासपोर्ट साइज फोटो
- गाड़ी मालिक का केवाईसी डॉक्यूमेंट। जैसे- आईडी प्रूफ, एड्रेस प्रूफ।
- फास्ट टैग खरीदते समय इन सभी दस्तावेजों की ऑरिजनल कॉपी जरूर साथ रखें।