नई दिल्ली।अगर डायरेक्ट टैक्स पर टास्क फोर्स की रिपोर्ट को पूरी तरह लागू करने का फैसला किया जाता है तो इससे सरकार की आमदनी 55,000 करोड़ रुपये से अधिक बढ़ सकती है। इस रिपोर्ट में मौजूदा इनकम टैक्स स्लैब्स और कैपिटल गेन्स टैक्स सिस्टम को बदलने का सुझाव दिया गया है। सरकार ने टास्क फोर्स की रिपोर्ट पर विचार करना शुरू कर दिया है और इसके कुछ सुझावों को आगामी बजट में शामिल किया जा सकता है।
10 लाख तक इनकम पर 10% टैक्स
टास्क फोर्स की रिपोर्ट अभी सार्वजनिक नहीं की गई है। एक सूत्र ने बताया कि इसमें ऐसे लोगों के खिलाफ मामला न चलाने या असेसमेंट दोबारा न खोलने का सुझाव दिया गया है, जो छह वर्ष तक की पिछली अवधि के लिए इंट्रेस्ट और 50 पर्सेंट पेनाल्टी के साथ अधिक इनकम टैक्स देते हैं।
इसके साथ ही रिपोर्ट में 10 लाख रुपये तक की इनकम वालों के लिए 10 पर्सेंट, 10-20 लाख रुपये के लिए 20 पर्सेंट, 20 लाख रुपये से 2 करोड़ रुपये तक की इनकम वालों के लिए 30 पर्सेंट और 2 करोड़ रुपये से अधिक की आमदनी वालों के लिए 35 पर्सेंट के पर्सनल इनकम टैक्स रेट का सुझाव गया है।
टैक्स छूट की सीमा में कोई बदलाव नहीं
हालांकि मौजूदा इनकम टैक्स एग्जेम्पशन लिमिट में किसी बदलाव का सुझाव नहीं है। टास्क फोर्स ने सरचार्ज को हटाने की भी जरूरत बताई है। इसने प्रविडेंट फंड, मेडिकल और एजुकेशन खर्चों, हाउसिंग लोन और चैरिटी पर उपलब्ध डिडक्शन को सीमित करने का सुझाव दिया है।
अगस्त में ही सौंप दी गई थी रिपोर्ट
सेंट्रल बोर्ड ऑफ डायरेक्ट टैक्सेज के मेंबर अखिलेश रंजन टास्क फोर्स में कन्वेनर और चीफ इकनॉमिक एडवाइजर के सुब्रमणियन मेंबर के तौर पर शामिल थे। इसकी रिपोर्ट 19 अगस्त को सौंपी गई थी। इसमें टैक्स स्ट्रक्चर में बड़े बदलावों का सुझाव है जिनका लक्ष्य टैक्सपेयर्स को राहत देने के साथ ही टैक्स कलेक्शन में बढ़ोतरी करना है।
कैपिटल गेन्स टैक्स के लिए टास्क फोर्स ने तीन सूत्री व्यवस्था – इक्विटी, नॉन-इक्विटी फाइनैंशल असेट्स और प्रॉपर्टी सहित सभी अन्य अपनाने का सुझाव दिया है। इंडेक्सेशन के लाभ नॉन-इक्विटी फाइनैंशल असेट्स और अन्य सभी असेट कैटिगरी तक सीमित रखने का प्रपोजल है।
LTCG पर 10% टैक्स का प्रस्ताव
इक्विटीज के लिए 12 महीने से अधिक रखने जाने वाले इक्विटी असेट्स की बिक्री पर होने वाले गेन के लिए 10 पर्सेंट के LTCG का प्रपोजल है।
STCG पर 15% टैक्स रेट का सुझाव
शॉर्ट-टर्म कैपिटल गेन के लिए 15 पर्सेंट के टैक्स रेट का सुझाव दिया गया है। अभी 12 महीने से अधिक अवधि के लिए रखने पर इक्विटी, प्रेफरेंस शेयर्स, इक्विटी बेस्ड म्यूचुअल फंड्स, जीरो कूपन बॉन्ड, यूनिट ट्रस्ट ऑफ इंडिया यूनिट्स को लॉन्ग-टर्म असेट्स माना जाता है। टास्क फोर्स ने इक्विटीज पर लगने वाले सिक्योरिटीज ट्रांजैक्शन टैक्स को समाप्त करने का सुझाव नहीं दिया है। इसने स्टार्टअप्स को इंसेंटिव देने के लिए एंप्लॉयी स्टॉक ऑप्शन प्लान के टैक्सेशन में बदलाव की जरूरत बताई है।