धर्म एवं मोक्ष प्राप्ति का उत्तम मार्ग है क्षमा : आर्यिका सौम्यनन्दिनी

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कोटा। महावीर नगर विस्तार योजना स्थित श्री दिगम्बर जैन मंदिर पर पावन चातुर्मास कर रही आर्यिका सौम्यनन्दिनी माताजी ने बुधवार को प्रवचन करते हुए कहा कि क्रोध, छल-कपट समाप्त होने पर मनुष्य का जीवन चंदन की तरह सुगंधित बनता है। इनको समाप्त करने पर ही सम्यक दर्शन संभव है।

तत्वार्थ सूत्र के अनुसार क्षमा को धर्म व मोक्ष प्राप्ति का उत्तम मार्ग बताया गया है। धर्म हमें हमारे मन की मलीनता को खत्म कर जीवन को सुगंधित करने की सीख देता करता है। जिस प्रकार चंदन को अच्छी तरह से घिसने के बाद ही उसे भगवान पर लगाया जाता है या फिर माथे पर तिलक लगाते हैं, उसी तरह धर्म मनुष्य को अपने भीतर के क्रोध कषाय, छल-कपट आदि को खत्म कर चंदन की तरह सुगंधित जीवन जीने का ज्ञान देता है।