नई दिल्ली। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने अर्थव्यवस्था में तेजी लाने के लिए फिर तोहफा दिया है। आरबीआई ने एक बार फिर रेपो रेट में कटौती की घोषणा की है। इस बार 25 आधार अंकों की कटौती की गई है। इस कटौती के बाद रेपो रेट 5.40 फीसदी से घटकर 5.15 फीसदी पर आ गया है। आरबीआई ने चालू वित्त वर्ष में लगातार चौथी बार और कुल पांचवी बार रेपो रेट में कटौती का तोहफा दिया है। आरबीआई ने रेपो रेट में इस साल अब तक 1.35 फीसदी की कटौती कर दी है।
मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) की बैठक के बाद जानकारी देते हुए आरबीआई के अधिकारियों ने बताया कि रिवर्स रेपो रेट में भी 25 आधार अंकों की कटौती की गई है। इस कटौती से बाद यह 5.15 फीसदी से घटकर 4.90 हो गया है। इसके अलावा मार्जिनल स्टेंडिग फेसिलिटी (एमसीएफ) और बैंक रेट भी 25 आधार अंकों की कटौती के बाद 5.40 फीसदी हो गया है। एमपीसी ने कंज्यूमर प्राइस इंडेक्स इन्फ्लेशन के 4 फीसदी के आसपास रहने के आधार पर दरों में कटौती की है।
जीडीपी ग्रोथ अनुमान घटाकर 6.1 फीसदी किया
मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) बैठक की जानकारी देते हुए आरबीआई के गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि बैठक में 5 सदस्यों ने दरों में कटौती का समर्थन किया था। उन्होंने बताया कि समिति ने वित्त वर्ष 2019-20 के लिए जीडीपी ग्रोथ अनुमान 6.9 फीसदी से घटाकर 6.1 फीसदी कर दिया है। जानकारी के अनुसार एमपीसी के सदस्य ढोलकिया 40 आधार अंकों की कटौती के पक्ष में थे। वहीं एक अन्य सदस्य का कहना है कि ग्रोथ को दोबारा पटरी पर लाने के लिए सुधार जरूरी हैं।
सस्ते होंगे लोन
आरबीआई की ओर से रेपो रेट में कटौती से आम लोगों को भी फायदा होगा। इस समय भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) समेत अधिकांश बैंकों ने अपने होम, ऑटो समेत सभी प्रकार के लोन को रेपो रेट से जोड़ दिया है। ऐसे में आरबीआई की ओर से रेपो रेट में कटौती के बाद बैंकों की ओर से दिए जा रहे लोन पर भी ब्याज की दरें कम हो जाएंगी। इससे लोगों को लोन पर कम ब्याज देनी पड़ेगी और उनका ईएमआई का बोझ घटेगा।