नई दिल्ली। आपने पिछली बार कब सेक्स किया था यह फेसबुक को पता है। इतना ही नहीं, फेसबुक महिलाओं के पीरियड्स के साथ ही उनके द्वारा इस्तेमाल किए गए गर्भ निरोधक के बारे में भी पूरी जानकारी रखता है। प्रिवेसी इंटरनैशनल की एक रिपोर्ट के अनुसार महिलाओं द्वारा इस्तेमाल किए जाने वाले पीरियड ट्रैकर ऐप्स उनकी प्राइवेट हेल्थ इन्फर्मेशन की जानकारी रखते हैं और उन्हें थर्ड पार्टी सर्विसेज के साथ शेयर भी करते हैं। इन थर्ड पार्टी सर्विसेज में दुनिया का सबसे चहेता सोशल नेटवर्किंग प्लैटफॉर्म फेसबुक भी शामिल है।
50 लाख बार डाउनलोड हुआ ऐप
बजफीड की एक रिपोर्ट के मुताबिक, प्रिवेसी इंटरनैशनल ने हाल में एक रिसर्च की थी। इस रिसर्च में पाया गया कि महिलाओं के पीरियड को ट्रैक करने वाले दो सबसे पॉप्युलर ऐप Maya और MIA ने फेसबुक सॉफ्टवेयर डिवेलपमेंट किट के जरिए थर्ड पार्टी ऐप्स और वेबसाइट्स के साथ अपने यूजर्स की इन निजी जानकारियों को शेयर किया है। इस रिपोर्ट में कहा गया है कि माया ऐप को गूगल प्ले स्टोर से 50 लाख बार और मिआ ऐप को 20 लाख बार डाउनलोड किया जा चुका है।
टारगेट ऐड दिखाने का खेल
रिसर्चर्स ने बताया कि इन ऐप्स के डिवेलपर्स फेसबुक के सॉफ्टवेयर डिवेलपमेंट किट के जरिए ऐप्स को कुछ खास फीचर्स से अपडेट करके यूजर्स के डेटा को कलेक्ट करते थे। वे इससे कलेक्ट किए गए डेटा को फेसबुक के साथ शेयर करते थे ताकि वह उन यूजर्स को टारगेट कर विज्ञापन दिखा सके। इतना नहीं, रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि जैसे ही यूजर इन ऐप्स में अपनी पर्सनल इन्फर्मेशन को एंटर करते थे वैसे ही यह उनकी सभी डीटेल्स को सॉफ्टवेयर डिवेलपमेंट किट के जरिए सीधे फेसबुक को भेजते थे।
यूजर के मूड को जान लेते हैं ये ऐप
बजफीड की मानें तो माया (Maya) ऐप कथित तौर पर यूजर्स द्वारा प्रिवेसी पॉलिसी के अग्री किए जाने से पहले ही उनकी डीटेल फेसबुक के साथ शेयर कर देता था। कुछ फीचर्स के जरिए यह ऐप यूजर के मूड का भी अंदाजा लगा लेता है और उसे फेसबुक के साथ शेयर कर देता है ताकि वह यूजर्स को उनके मूड के हिसाब से ऐड दिखा सके। रिपोर्ट में कहा गया है कि इससे कंपनियों को यूजर्स तक टारगेट ऐड पहुंचाने में आसानी होती है। रिसर्चर्स ने बताया कि इससे कंपनियों को काफी फायदा पहुंचता है क्योंकि जो महिलाएं गर्भवती हैं या होने वाली हैं उनके शॉपिंग करने के तरीके में काफी बदलाव आने की संभावना रहती है।
ऐप इस्तेमाल करने के लिए महिलाओं ने निकाली तरकीब
पीरियड और प्रेग्नेंसी ट्रैकिंग ऐप्स के बारे में ऐसी खबरें आने के बाद से कई महिलाओं ने इन ऐप्स का इस्तेमाल बंद कर दिया है। उन्हें डर है कि निजी हेल्थ डेटा को ये ऐप्स उनके एम्प्लॉयर्स और इंश्योरेंस कंपनियों के साथ भी शेयर कर सकते हैं। कंपनियां जहां उनकी इन जानकारियों का गलत फायदा उठा सकती हैं। वहीं, इंश्योरेंस कंपनियों के बारे में इनका मानना है कि वे इनके प्रीमियम को बढ़ा सकती हैं। इससे बचने के लिए इन ऐप्स को यूज करने वाली महिला यूजर्स ने एक तरकीब निकाली है। अब वे इन ऐप्स का इस्तेमाल तो कर रही हैं, लेकिन इसमें वे अपनी गलत डीटेल को एंटर कर रही हैं।
फेसबुक करेगा जांच
इस मामले के बारे में दब फेसबुक से बात की गई तो उसने कहा कि वह इस मामले को लेकर प्रिवेसी इंटरनैशनल के संपर्क में हैं। फेसबुक ने कहा कि वह उन ऐप्स की पहचान करने की कोशिश कर रहा है जिनके द्वारा सॉफ्टवेयर डिवेलपमेंट किट के जरिए डेटा शेयर किया जा रहा है। फेसबुक के एक प्रवक्ता ने कहा, ‘हमारे पास ऐसे सिस्टम मौजूद है जिनसे हम इन डेटा की पहचान कर उसे डिलीट कर सकते हैं। आगे ऐसी घटनाएं ना हों इसके लिए हम अपने सिस्टम में जरूरी बदलाव भी कर रहे हैं।’