Red Chilli: पुराने बम्पर स्टॉक एवं नए माल के प्रेशर से लालमिर्च के भाव गिरने के आसार

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नई दिल्ली। Red Chilli New Crop: हालांकि पिछले साल के मुकाबले 2024 में आंध्र प्रदेश में लालमिर्च का बिजाई क्षेत्र करीब 25-30 प्रतिशत घट गया मगर फसल की हालत काफी अच्छी बताई जा रही है जिससे कुल उत्पादन में ज्यादा गिरावट नहीं आएगी। वहां लालमिर्च का भारी-भरकम पिछला बकाया स्टॉक मौजूद है और नई फसल की आवक भी शुरू हो गई है।

इसके फलस्वरूप कीमतों पर दबाव बना हुआ है। चीन तथा बांग्ला देश सहित अन्य प्रमुख आयातक देशों में मांग अभी कमजोर है लेकिन आगामी समय में मजबूत होने की उम्मीद है। जोरदार निर्यात मांग निकलने पर भाव कुछ सुधर सकता है।

आंध्र प्रदेश, तेलंगाना एवं कर्नाटक की प्रमुख मंडियों- गुंटूर, वारंगल, खम्माम तथा ब्यादगी आदि में लालमिर्च के नए माल की आपूर्ति आरंभ हो चुकी है मगर इसका भाव गत वर्ष की तुलना में काफी नीचे चल रहा है।

समस्या यह है कि कोल्ड स्टोरेज (शीत गृहों) में पहले से ही लालमिर्च का भारी-भरकम स्टॉक पड़ा हुआ है जिस पर खर्च ज्यादा बैठ रहा है। बड़े-बड़े उत्पादकों ने दाम बढ़ने की उम्मीद से लालमिर्च का स्टॉक दबा रखा था। अब उसे मंडियों में उतारना आवश्यक हो गया है। नए माल की आपूर्ति भी जोर पकड़ेगी।

ऐसी हालत में आमतौर पर उत्पादकों को ऊंचा या आकर्षक मूल्य प्राप्त होना कठिन है लेकिन अच्छी बात यह है कि 28 फरवरी या 1 मार्च से रमजान का पवित्र महीना आरंभ होने वाला है जिसकी मांग एवं जरूरत को पूरा करने के लिए मुस्लिम बहुल देशों के आयातक भारतीय लालमिर्च की खरीद में जोरदार सक्रियता दिखा सकते हैं।

चीन में नए वायरस (रोग) संक्रमण फैलने के बावजूद भारत से लालमिर्च का निर्यात जारी है। फिलहाल इसकी गति कुछ धीमी है लेकिन आगे तेज हो सकती है। बांग्ला देश तथा मलेशिया के साथ भी ऐसी ही स्थिति है जिससे उत्पादकों एवं निर्यातकों की उम्मीदें जगी हैं।

आंध्र प्रदेश में 35-38 लाख बोरी एवं तेलंगाना में भी 35 लाख बोरी लालमिर्च का पिछला बकाया स्टॉक मौजूद होने का अनुमान है। गुंटूर में 30-31 लाख बोरी का स्टॉक बताया जा रहा है। कर्नाटक में भी अच्छा स्टॉक उपलब्ध है।

वहां ब्यादगी वैरायटी का उत्पादन ज्यादा होता है जबकि आंध्र प्रदेश एवं तेलंगाना में तेजा की खेती पर विशेष ध्यान दिया जाता है। उत्तरी भारत में लालमिर्च की मांग एवं खपत बढ़ने के आसार हैं क्योंकि कड़ाके की ठंड के साथ अब शादी-विवाह एवं मांगलिक उत्सवों का सीजन भी आरंभ होने वाला है।