ई-कॉमर्स कंपनियों को एमआरपी के अलावा अन्य जानकारियां भी करनी होंगी प्रिंट

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    नई दिल्ली। देश में तेजी से बढ़ते ऑनलाइन शॉपिंग ट्रेंड को देखते हुए सरकार ने कन्ज्यूमर्स के हितों की रक्षा के लिए नया कदम उठाया है। अगले साल से ई-कॉमर्स कंपनियों को एमआरपी के अलावा बाकी जानकारियां भी प्रिंट करनी होंगी। नए नियम 1 जनवरी 2018 से लागू होंगे। कंपनियों को नए नियम लागू करने के लिए 6 महीने का वक्त दिया गया है।

    सरकार ने लीगल मेट्रॉलजी (पैक्जेड कमोडिटीज) रूल्स, 2011 में पिछले महीने एक संशोधन किया है। कंपनियों को नए नियम मानने के लिए 6 महीने का समय दिया गया है। जानकारी के मुताबिक ई-कॉमर्स कंपनियों को सामान पर एमआरपी के अलावा उत्पाद बनाने की तारीख, खराब होने की तारीख, कुल वजन, बनाने वाला देश और कन्ज्यूमर केयर डिटेल्स भी प्रिंट करनी होंगी।

    अगले साल से हर जगह प्रॉडक्ट की एमआरपी होगी एक

    मामले की जानकारी रखने वाले एक अधिकारी ने बताया कि कंपनियों को काफी समय दिया जा चुका है। उन्होंने कहा कि जनवरी 2018 से ई-कॉमर्स प्लैटफॉर्म से बिकने वाले सभी प्रॉडक्ट्स पर ये सभी जानकारियां देना अनिवार्य होगा। कंपनियों को ये सभी जानकारियां बड़े शब्दों में दिखानी होंगी जिससे कन्ज्यूमर्स को पढ़ने में कोई दिक्कत न हो।

    सरकार ने यह कदम ई-कॉमर्स कंपनियों के खिलाफ मिलने वाली शिकायतों के कारण उठाना पड़ा है। नए नियमों का भारतीय ऑनलाइन मार्केट पर राज करने वाली फ्लिपकार्ट, ऐमजॉन इंडिया, स्नैपडील, ग्रोफर्स और बिगबास्केट जैसी कंपनियों पर सबसे अधिक असर पड़ेगा।