नई दिल्ली। जीएसटी टैक्स स्लैब को लेकर दिल्ली के कारोबारियों का विरोध लगातार बढ़ता जा रहा है। जीएसटी के खिलाफ धरना-प्रदर्शन के अलावा कारोबार बंद भी होने लगा है। पुरानी दिल्ली के कपड़ा कारोबारी जीएसटी के खिलाफ शनिवार को दूसरे दिन भी दुकानें बंद कर बैठे हैं। मार्बल कारोबारियों ने जीएसटी बढ़ाने के खिलाफ तीन दिन की हड़ताल शुरू कर दी है।
जीएसटी के खिलाफ विभिन्न प्रकार के कारोबार में जुटे व्यापारी विरोध जता रहे हैं, लेकिन सबसे अधिक विरोध कपड़ा और मार्बल कारोबारी कर रहे हैं। उसका कारण यह है कि कपड़े पर पहले टैक्स नहीं था, जिसे 5 प्रतिशत कर दिया गया है।
मार्बल पर पहले 5 प्रतिशत टैक्स था, जिसे बढ़ाकर 28 प्रतिशत कर दिया गया है। जीएसटी लगाने के खिलाफ मार्बल कारोबारियों ने पिछले माह एक से तीन जून को भी कारोबार बंद किया था और जंतर-मंतर पर भी प्रदर्शन किया था। अब वे एक बार फिर से तीन दिन की हड़ताल कर रहे हैं।
दिल्ली मार्बल डीलर्स असोसिएशन के अनुसार, सोमवार तक जारी रहने वाली इस हड़ताल में राजौरी गार्डन, मंगोलपुर कलां, द्वारका, छतरपुर, रामनगर, कीर्ति नगर, सिंघरौला बॉर्डर, आया नगर और नोएडा के मार्बल बाजार बंद रहेंगे।
असोसिएशन अध्यक्ष संदीप भारद्वाज ने कहा, ‘हम सरकार से मांग करते हैं कि मार्बल और ग्रेनाइट पर जीएसटी कम किया जाए और आम आदमी के घर बनने के सपने को साकार होने दिया जाए।’ उन्होंने कहा कि किचन, टॉइलट में इस्तेमाल होने वाले मार्बल और ग्रेनाइट को विलासिता की वस्तु न समझा जाए।
दूसरी ओर, पुरानी दिल्ली के कपड़ा कारोबारियों की हड़ताल दूसरे दिन भी जारी रही। कपड़ा कारोबारी अपनी दुकानों को बंद कर कटरों के बाहर धरना-प्रदर्शन कर रहे हैं। दिल्ली हिंदुस्तानी मर्केंटाइल असोसिएशन के अध्यक्ष अरुण सिंघानिया के अनुसार, पुरानी दिल्ली के 54 कटरों में कपड़ों का थोक और रिटेल कारोबार होता है, उन सभी के बाहर धरना-प्रदर्शन किया जा रहा है।
उन्होंने बताया कि देश के आजाद होने के बाद कभी भी कपड़े पर टैक्स नहीं लगाया गया, लेकिन केंद्र सरकार ने उस पर 5 प्रतिशत टैक्स लगाकर गरीबों के साथ दगाबाजी की है। जीएसटी के खिलाफ कपड़ा कारोबारियों ने 27 से 29 जून तक भी कारोबार बंद रखा था।