फिल्म ‘कभी-कभी’ के संगीतकार उमर खय्याम नहीं रहे

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मुंबई। प्रसिद्ध संगीतकार उमर खय्याम का इंतकाल हो गया है। 92 साल की उम्र में उन्होंने अंतिम सांस ली। उम्र संबंधी दिक्कतों के चलते वो पिछले कुछ समय से अस्वस्थ थे और मुंबई के एक अस्पताल में भर्ती थे।

कभी-कभी’ तथा ‘उमराव जान’ जैसी सुपरहिट फिल्मों में यादगार संगीत देने वाले दिग्गज संगीतकार खय्याम को फेफड़ों में संक्रमण के कारण शहर के एक अस्पताल में भर्ती कराया गया था। उन्हें आईसीयू में रखा गया था। करीबी पारिवारिक मित्र गजल गायक तलत अजीज ने बताया कि खय्याम (92) को रविवार को सुजय अस्पताल में भर्ती कराया गया था।

खय्याम को ‘त्रिशूल’, ‘नूरी’ तथा ‘शोला और शबनम’ जैसी फिल्मों में शानदार संगीत के लिए जाना जाता है। उन्हें संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार मिल चुका था और वह पद्म भूषण से भी सम्मानित किए जा चुके थे। प्रधानमंत्री मोदी ने खय्याम साहब के निधन पर दुख जताते हुए कहा कि उन्होंने कई गीतों को अमर बनाया, कला जगत उनका कर्जदार रहेगा।

लता मंगेशकर ने लिखा कि महान संगीतकार और नेक दिल इंसान ख़य्याम साहब आज हमारे बीच नहीं रहे। यह सुनकर मुझे इतना दुख हो रहा है, जो मैं बयां नहीं कर सकती। ख़य्याम साहब के साथ संगीत के एक युग का अंत हुआ। मैं उनको विनम्र श्रद्धांजलि देती हूं।

लता ख़य्याम साहब के साथ अपने रिश्ते को याद करते हुए लिखती हैं- ख़य्याम साहब मुझे अपनी छोटी बहन मानते थे। वो मेरे लिये अपनी ख़ास पसंद के गाने बनाते थे। उनके साथ काम करते वक़्त बहुत अच्छा लगता था और थोड़ा डर भी लगता था। क्योंकि वो बड़े परफेक्शनिस्ट थे।

उनकी शायरी की समझ बहुत कमाल थी। इसीलिए मीर तकी मीर जैसे महान शायर की शायरी उन्होंने फिल्मों में लायी। ऐसी ना जाने कितनी बातें याद आ रही हैं। वो गाने, वो रिकॉर्डिंग याद आ रही हैं। ऐसा संगीतकार शायद फिर कभी नहीं होगा। मैं उनको और उनके संगीत को वंदन करती हूं।