बेंगलुरु। आईटी कंपनियों में कर्मचारियों के नौकरी छोड़ने की दर बढ़ रही है। डिजिटल टेक्नोलॉजी में दक्ष और बेहतर प्रदर्शन करने वाले युवा कर्मचारियों को अपने पास रोकने के लिए आइटी कंपनियां हर तरह के उपाय अपना रही हैं। कंपनियां प्रतिभावान कर्मचारियों को बेहतर सैलरी ग्रोथ, प्रमोशन और बोनस दे रही हैं। इसके साथ उन्हें पेशे में आगे बढ़ने और नया स्किल सीखने के भी अवसर दिये जा रहे हैं।
कंसल्टिंग कंपनी मर्सर की प्रिंसिपल- करियर्स एंड हाई-टेक इंडस्ट्री लीड देबास्मिता दास ने कहा कि आईटी उद्योग में नौकरी छोड़ने वालों का औसत स्तर एक फीसदी बढ़ गया है। खास दक्षता क्षेत्रों में और टीयर-2 शहरों में यह स्तर और अधिक बढ़ा है।
एक लाख रुपए का रिटेंशन बोनस मिला
प्रमुख आईटी कंपनी विप्रो ने जुनियर लेवल के कर्मचारियों को अपने पास बनाए रखने के लिए एक लाख रुपए का बोनस दिया। कॉग्निजेंट ने पिछले 18 महीने में 1.40 लाख से अधिक कर्मचारियों को नई दक्षता से लैस किया। जुलाई में कपंनी ने प्रतिभावान कर्मचारियों को नौकरी छोड़ने से रोकने के लिए उन्हें कुल करीब 342 करोड़ रुपये दिए।
देबास्मिता दास ने कहा कि आईटी कंपनियों में तीन से सात साल के अनुभव वाले कर्मचारियों की सर्वाधिक मांग है और इसी वजह से उनमें नौकरी बदलने की सबसे अधिक प्रवृत्ति देखी जाती है। इसके साथ ही अनुभवी कर्मचारियों और बेहतर प्रदर्शन करने वाले कर्मचारियों की भी काफी खोज होती है। अप्रैल-जून तिमाही में इन्फोसिस, विप्रो और कॉग्निजेंट जैसी कई प्रमुख आइटी कंपनियों ने उच्च स्तर की एट्रीशन (कर्मचारियों के नौकरी छोड़ने) दर दर्ज की।
इन्फोसिस से 23.4 फीसदी कर्मचारियों ने नौकरी छोड़ी
अप्रैल-जून तिमाही में इन्फोसिस से 23.4 फीसदी कर्मचारियों ने नौकरी छोड़ दी। इसमें वे भी शामिल हैं, जिन्हें कंपनी खुद भी निकालना चाह रही थी। जनवरी-मार्च तिमाही में इन्फोसिस का एट्रीशन रेट 20.4 फीसद था। इस दौरान कॉग्निजेंट का एट्रीशन रेट 19 फीसदी से बढ़कर 23 फीसदी पर पहुंच गया। विप्रो का एट्रीशन रेट पिछली तिमाही में 17.6 फीसदी पर था।