कोटा। कोटा रेल मंडल में एक बार फिर इतिहास रचा गया। दिल्ली-मुंबई रूट को सेमी हाईस्पीड घोषित करने के बाद अपग्रेडेशन प्रक्रिया के तहत आधुनिक इंजन को रावठा रोड से लबान के बीच 180 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से दौड़ाया गया। इंजन ने 90 किमी की दूरी 37 मिनट में पूरी की। कोटा डिवीजन में ही टैल्गो व ट्रेन 18 को 180 किमी प्रति घंटे की स्पीड से दौड़ाकर देखा जा चुका है।
कोटा डिवीजन में अभी सबसे हाई स्पीड ट्रेन राजधानी गुजरती है, जो 130 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से चलती है। अधिकारियों के मुताबिक, 180 की स्पीड के अनुरूप ही सिग्नल व अन्य सिस्टम विकसित करने होते हैं। उसी के तहत देखा जा रहा है कि भविष्य में इस स्पीड के लिए सिस्टम को किस स्तर पर अपग्रेड करना होगा।
अधिकारियों ने बताया कि सोमवार को 180 किमी की स्पीड से पहले इंजन को 170 की स्पीड से भी चलाकर देखा गया था। ट्रायल के लिए आधुनिक इंजन को रावठा रोड से शाम 4:35 बजे चलाया गया और 5:15 पर लबान रेलवे स्टेशन पहुंच गया। इंजन को 5 मिनट कोटा में रोका गया था। 180 की स्पीड से इंजन को चलाने पर रेलवे प्रशासन को कई सावधानियां बरतनी पड़ी।
इसके लिए रूट के पूरे ट्रैक को खाली रखा गया, इस समय आने वाली सभी ट्रेनों को आसपास के स्टेशनों पर ही खड़ा कर दिया। सभी क्रॉसिंग गेटों को बंद रखा गया। ट्रैक के सहारे पुलिसकर्मी तैनात थे, ताकि यात्री ट्रैक क्रॉस न करे और आवारा पशु नहीं आ जाए। रूट के सारे प्वाइंट को ताला लगाकर क्लेम किया गया, ताकि इंजन दूसरे ट्रैक पर नहीं चला जाए।
आधुनिक रेल इंजन के पीछे एक अन्य इंजन को चलाया गया, जिसमें रेलवे अधिकारी मॉनिटरिंग कर रहे थे। वे देख रहे थे कि 180 की स्पीड से इंजन के चलने पर क्या स्थिति होती है। ओएचई किस तरह काम करती है, सिग्नल सिस्टम किस तरह काम कर रहा है। इससे पहले 170 की स्पीड से भी रावठा रोड से लबान के बीच ट्रायल किया गया था। 170 की स्पीड से इस दूरी को 40-42 मिनट में पूरा किया गया। अब इंजन के पीछे इंजन लगाकर ट्रायल होगा।