कोटा। महावीर नगर विस्तार योजना दिगम्बर जैन मंदिर में चल रहे आर्यिका सौम्यनन्दिनी माताजी ससंघ के पावन वर्षायोग के दौरान प्रवचन करते हुए माताजी ने कहा कि आज सभी अपने-अपने लक्ष्य तो प्राप्त करने में जुटे हुए हैं, लेकिन हम तनाव या अवसाद जैसी समस्याओं से बड़ी जल्दी घिर भी जाते हैं। यदि महावीर भगवान के उपदेशों का अनुसरण किया जाए, तो इन समस्याओं को स्वयं से दूर भगाया जा सकता है।
भगवान महावीर स्वामी ने अध्यात्म को सर्वोपरि बताया है। उन्होंने कहा कि भगवान महावीर ने वस्तु को अनेकांतात्मक बताया है। जिस तरह किसी एक विचार के कई पहलू होते हैं, उसी तरह एक ही वस्तु के कई गुण हो सकते हैं। निराशावादी और हठधर्मी लोग प्रत्येक वस्तु, घटना या परिस्थिति को सिर्फ अपने नजरिए से देखते हैं।
दूसरों के विचारों या नजरिए को वे विरोधी भाव से देखते हैं। यदि इसे व्यावहारिक रूप में समझ लिया जाए, तो कभी दिक्कत नहीं होगी। विरोधी दिखने वाले विचार को भी वे स्वीकार करने लगेंगे। यह स्वीकारोक्ति ही व्यक्ति को आधे से अधिक तनावों से मुक्त कर देती है। इससे पहले मीनाक्षी बरमुण्डा ने भजन की प्रस्तुति देकर मंगलाचरण किया। वहीं हुकुमचंद खटोड़, पवन कुमार खटोड़ गुड वालों की ओर से चित्र अनावरण, दीप प्रज्ज्वलन, शास्त्र भेंट किया गया।
मुकुट सप्तमी आज
पावन वर्षायोग समिति के अध्यक्ष नवीन जैन दौराया तथा महामंत्री पारस जैन लूंग्या ने बताया कि मुकुट सप्तमी के अवसर पर बुधवार को भगवान पाश्र्वनाथ का मोक्ष कल्याण मनाया जाएगा। इस अवसर पर प्रातः 7 बजे से शांतिधारा, अभिषेक और पूजन के कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। इस दौरान 21 किलो का निर्वाण लाडू चढाया जाएगा।