लोकसभा में जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन बिल पास, समर्थन में 366, विरोध में 66 वोट पड़े

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नई दिल्ली। गृह मंत्री अमित शाह ने मंगलवार को लोकसभा में जम्मू कश्मीर राज्य का पुनर्गठन कर जम्मू एवं कश्मीर और लद्दाख को दो केंद्र शासित प्रदेशों में विभाजित करने और अनुच्छेद 370 की अधिकतर प्रावधानों को समाप्त करने के प्रस्ताव संबंधी संकल्प चर्चा एवं पारित करने के लिए पेश किया। इसपर तीखी बहस हुई। कांग्रेस ने सरकार पर आरोप लगाया है कि उसने नियमों का उल्लंघन करते हुए रातोंरात एक राज्य को केंद्र शासित प्रदेश बना दिया है।

सत्तापक्ष और विपक्ष के तमाम सांसदों ने इस संकल्प पर अपने विचार रखे। लोकसभा में लंबी बहस के बाद आखिर लोकसभा में भी जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन बिल पास कर दिया गया। गृह मंत्री अमित शाह के जवाब के बाद इस पर वोटिंग हुई। इसके समर्थन में 366 वोट और विरोध में 66 वोट पड़े।

लद्दाख के भाजपा सांसद का तंज
लद्दाख से भाजपा सांसद जामयांग सेरिंग नामग्याल ने कहा कि मैं करगिल से चुनकर आता हूं। मैं गर्व के साथ कहता हूं कि यहां की जनता ने केंद्रशासित प्रदेश के लिए वोट दिया था। क्या ये लोग (विपक्ष) करगिल को जानते हैं। हजारों लोगों की आवाज दबाना, ये आपका लोकतंत्र था क्या। मैं कल से चर्चा सुन रहा था। 370 गया तो जम्मू-कश्मीर में समानता नहीं रहेगी।

आप लद्दाख का फंड भी लेकर जाते हो। वहां का पूरा फंड गायब कर देते हो। क्या ये आपकी इक्वालिटी है। जम्मू-कश्मीर वाले लड़ झगड़कर अपना हिस्सा ले लेते हैं, लेकिन लद्दाख वालों को कुछ नहीं मिलता। लद्दाख में एक भी उच्च शिक्षण संस्थान नहीं दिया। हाल ही में एक यूनिवर्सिटी नरेंद्र मोदी जी ने दिया। मोदी है तो मुमकिन है। 2008 में आपने जम्मू और कश्मीर में 4-4 जिले दिए, लद्दाख को एक भी नहीं दिया, क्या ये आपकी इक्वालिटी है। जम्मू कश्मीर में आपने बुद्धिस्ट परिवारों को खत्म करने का प्रयास किया, क्या ये आपका सेक्युलरिज्म है।

नेहरू के कारण मिला 370 का कलंक
विधेयक पर चर्चा के दौरान भाजपा सांसद किशोर शर्मा ने कहा कि नेहरू के कारण इस धारा का कलंक हमारे ऊपर लगा है। सरदार पटेल और श्यामा प्रसाद मुखर्जी ने तब भी इसका विरोध किया था। इस धारा ने कश्मीर को भारत से दूर करने का कार्य किया है। इसके कारण वहां भ्रष्टाचार बढ़ता चला गया क्योंकि केंद्र की एजेंसियां वहां जांच नहीं कर सकती है। मोदी सरकार से दिया गया गरीबों को 10 फीसदी आरक्षण भी वहां लागू नहीं होता है। आतंकवाद भी अनुच्छेद 370 की ही देन है। इसके कारण हमारे जवानों और लोगों को जान गंवानी पड़ती है।