कोटा। देश के बजट में वाणिज्यिक कर विभाग में लंबित वेट की डिमांड के लिए एमनेस्टी स्कीम को लाया जाना स्वागत योग्य कदम है। साथ में घोषणा पत्रों को स्वीकार करने की तिथि को भी बजट में बढ़ाना चाहिए था। उसके बाद ही एमनेस्टी स्कीम का फायदा उठाया जा सकता है।
टैक्स बार एसोसिएशन कोटा के अध्यक्ष एडवोकेट राजकुमार विजय ने बताया कि वेट मिसमैच की बड़ी भारी समस्या थी जिसका सरलीकरण किया जाना नितांत आवश्यक था, जिसे स्वीकार किया गया है।
वेट मिसमैच पर सही तरीके से कार्यवाही करके और घोषणा पत्रों की डेट बढ़ाने के बाद ही एमनेस्टी स्कीम के माध्यम से करोड़ों रुपए की लंबित मांगों का निस्तारण किया जा सकता है।