नई दिल्ली।स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI) ने अपने सभी लोन्स के लिए मिनिमम लेंडिंग रेट यानी एमसीएलआर (MCLR) घटाकर 8.40 फीसदी कर दी है, जो अभी तक 8.45 फीसदी थी। इस कटौती के साथ 10 अप्रैल, 2019 से अब तक एसबीआई के होम लोन 20 आधार अंकों की कटौती हो चुकी है।
जानें अहम बातें
- इससे पहले सोमवार को आरबीआई गवर्नर शक्तिकांता दास ने कहा था कि लगातार तीन कटौती के साथ रेपो रेट्स में 75 आधार अंकों की कमी हो चुकी है। आरबीआई उम्मीद करता है कि बैंक अपने कस्टमर्स को जल्द से जल्द इसका फायदा पहुंचाएंगे।
- आरबीआई ने जून में हुई अपनी मॉनिट्री पॉलिसी मीटिंग प्रमुख लेंडिंग रेट यानी रेपो रेट 25 आधार अंक घटाकर 5.75 फीसदी कर दी थी।
- इससे पहले बैंक ने 1 जुलाई को रेपो रेट लिंक्ड होम लोन प्रोडक्ट्स की पेशकश की थी।
- जून की मॉनिट्री पॉलिसी में में 25 आधार अंकों की कटौती के बाद बैंक ऑफ महाराष्ट्र, कॉर्पोरेशन बैंक, ओरिएंटल बैंक और आईडीबीआई बैंक एमसीएलआर में 5 से 10 आधार अंकों की कटौती कर चुके हैं।
- मॉनिट्री पॉलिसी की अगली मीटिंग 5-9 अगस्त को होनी है। एनालिस्ट्स का अनुमान है कि इसमें ब्याज दरों में एक और कटौती देखने को मिल सकती है।
क्या है MCLR
रिजर्व बैंक द्वारा लोन देने के लिए तय न्यूनतम दर मार्जिनल कॉस्ट आधारित ब्याज दर यानी मिनिमम कॉस्ट लेंडिंग रेट (एमसीएलआर) कहलाती है। बैंक इस दर से कम पर ऋण नहीं दे सकते हैं। 1 अप्रैल 2016 से यह सिस्टम बैंकिंग प्रणाली में शामिल है। यह लोन देने की न्यूनतम दर कहलाती है।