जीएसटी रजिस्ट्रेशन को आधार से लिंक करना अनिवार्य होगा

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कोटा। स्पीकर सीए देवेंद्र कटारिया ने कहा कि जीएसटी रजिस्ट्रेशन को आधार से लिंक करना अनिवार्य होगा। एक्साइज और सर्विस टैक्स के तहत पुराने केस निपटाने के लिए सरकार नई स्कीम लाने की योजना बना रही है इसमें 40% से लेकर 70% तक की छूट प्रदान की जा सकती है ।अभी इस स्कीम में कुछ त्रुटियां हैं, जिन्हें सरकार को दुरुस्त करने की जरूरत है ।

वह शनिवार को झालावाड़ रोड स्थित एक होटल में टैक्स बार एसोसिएशन कोटा की ओर से केंद्रीय बजट पर आयोजित सेमिनार को सम्बोधित क्र रहे थे। उन्होंने बताया कि जीएसटी में बजट में आए संशोधन पहले जीएसटी काउंसिल द्वारा प्रस्तावित किए जाते हैं, उसके बाद ही सरकार कोई प्रस्ताव सदन में पारित करवा सकती है।

कंपोजिशन स्कीम सर्विस प्रदाता के लिए नोटिफिकेशन द्वारा पहले से ही लागू की जा चुकी है, जिसका अधिनियम में संशोधन बजट द्वारा किया जाना प्रस्तावित है। व्यापारी माल एवं सेवा दोनों में व्यापार करते हैं इस स्कीम का लाभ ले सकते हैं । इसके तहत जीएसटी की रेट 6% होगी

सेमिनार के स्पीकर सीए नीरज जैन ने बताया कि आयकर के अंतर्गत धारा 194N आई है उसमें अगर कोई व्यक्ति अपने बैंक खाते से एक करोड़ रुपये से अधिक निकालता है तो उसे 2% टीडीएस काट कर राशि प्राप्त होगी। यह राशि प्रति अकाउंट के अनुसार होगी। आयकर में जिनकी आय 2 करोड़ से 5 करोड़ के मध्य है उस पर 25% सरचार्ज लगाया गया है । अतः उन पर प्रभावी दर 39% हो जाएगी। इसी प्रकार जिनकी आय 5 करोड़ से अधिक है उन पर 37% सरचार्ज लगाया गया है ।

इस बजट में आवासीय ऋण पर अतिरिक्त डेढ़ लाख की कटौती ब्याज पर दी गई है। जो इसलिए उचित नहीं है, क्योंकि कुल मिलाकर साढ़े 3 लाख का ब्याज 45 लाख रुपये के मकान पर सामान्य दर से नहीं हो सकता। बजट में इलेक्ट्रिकल व्हीकल खरीदने के लिए ऋण पर डेढ़ लाख रुपए के ब्याज की कटौती प्रदान की गई है।

परंतु आज के परिप्रेक्ष्य में यह उचित नहीं है, वैसे भी यह कटौती पूर्व में व्यवसाय के खर्चों में मिल जाती थी। सरकार ने बजट में आधार को पेन से इंटरचेंजेबल बताया है परंतु वास्तव में जिनके पास केवल पेनकार्ड है एवं आधार कार्ड नहीं है, वह रिटर्न फाइल नहीं कर सकता ।

सेमिनार के शुरू में टैक्स बार एसोसिएशन के अध्यक्ष एडवोकेट राजकुमार विजय ने बजट की छुपी हुई बारीकियों के बारे में बताया । उन्होंने कहा कि पिछले 3 बजट में की गई घोषणा की इस बार भी पुनरावृति की गई है, जैसे ई एसेसमेंट मेडिक्लेम की छूट, हाउसिंग लोन की छूट आदि । अब डिजिटल पेमेंट के लिए चेक और बैंक ड्राफ्ट के अलावा ऑनलाइन पेमेंट जैसे पेटीएम, गूगल पे और अन्य मोबाइल भुगतान सुविधाओं का विस्तार किया जाएगा ।

सेमिनार में सेक्रेटरी सीए लोकेश माहेश्वरी ने सत्र को कनक्लूड किया ।सेमिनार में टैक्स बार के उपाध्यक्ष सीए राजीव बजारी, कोषाध्यक्ष सीए हितेश दयानी, ज्वाइंट सेक्रेट्री सीए अतिशय जैन आदि प्रमुख रूप से उपस्थित थे।