एडवोकेट राजकुमार विजय
अध्यक्ष, टैक्स बार एसोसिएशन कोटा
कोटा। मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल के पहले आम बजट में सबसे पहले लोगों की आवास समस्या के निराकरण और हाउसिंग सेक्टर को बढ़ावा देने के लिए होम लोन की छूट को दो लाख से बढ़ाकर साढे तीन लाख किया है। जिन आयकर दाताओं की आय 2 करोड़ से अधिक है उनको आयकर पर 3% तथा 5 करोड़ से अधिक आय वाले करदाताओं को 7% सर चार्ज का अतिरिक्त भुगतान करना होगा।
कॉरपोरेट टैक्स को कम करने के क्रम में अब 400 करोड़ रुपए तक का सालाना टर्नओवर करने वाली कंपनियों को 25% आयकर देना होगा इससे लगभग 99. 30% कंपनियों को कर में फायदा होगा। सरकार के द्वारा डिजिटल इकोनामी को बढ़ावा देने के लिए बैंक खाते से साल भर में एक करोड़ से अधिक की नगद निकासी पर 2% टीडीएस काटा जाएगा।
इस्पेक्टर राज को बढ़ावा
ऐसे व्यापारी जो किसानों के साथ व्यापार करते हैं, उन्हें भारी समस्या का सामना करना पड़ेगा साथ ही अग्रिम आयकर के लक्ष्य में भी फर्क पड़ेगा जिससे कि इस्पेक्टर राज को बढ़ावा मिलेगा। इस बार भी आयकर निर्धारण में ई असेसमेंट के लिए बढ़ चढ़कर बोला गया है जोकि पिछले दो तीन बजट में बोला जा रहा है, क्योंकि विभाग के पास अभी इसकी संपूर्ण सुविधा नहीं होने की वजह से इसे लागू नहीं किया जा सका है।
अब इसे सभी तरह के एसेसमेंट पर लागू किया जाएगा और पायलट प्रोजेक्ट के तहत भ्रष्टाचार को समाप्त किया जाएगा तथा पूर्णतया फेसलेस ई असेसमेंट का कंसेप्ट डिवेलप किया जाएगा साथ ही नए स्टार्ट अप का किसी भी तरह से स्कूटनी एसेसमेंट नहीं किया जाएगा| लंबे समय से उम्मीद की जा रही थी कि शेयर्स पर लोंग टर्म कैपिटल गेन को समाप्त किया जाएगा या उसे कम किया जाएगा परंतु इस विषय पर किसी भी तरह का कोई जिक्र नहीं किया गया है।
अप्रत्यक्ष करो में जीएसटी सबसे महत्वपूर्ण कर माना जाता है लंबे समय से मांग की जा रही थी कि जीएसटी को सरलीकरण की ओर बढ़ाया जाए तथा सिस्टम और टेक्नोलॉजी को सही किया जाए परंतु बजट में कुछ खास प्रावधान नहीं किए गए हैं। साथ ही पेट्रोलियम पदार्थों पर अतिरिक्त कस्टम ड्यूटी लगाने से सभी सेक्टर में खासतौर से ट्रांसपोर्टेशन और उद्योग सेक्टर में लागत मूल्य बढ़ने से महंगाई बढ़ने की पूरी संभावना है ।
पूरे विश्व में पर्यावरण बचाने और पेट्रोलियम पदार्थों की पर्याय के रूप में इलेक्ट्रिक वाहनों का प्रयोग बढ़ाया जा रहा है इसी संदर्भ में उन पर कर की दर 12% से घटाकर 5% कर दी गई है और साथ में इनकम टैक्स में डेढ़ लाख रुपए तक की छूट प्रदान की गई है। अगर आपने वाहन खरीदने में कोई लोन लिया है तो उसके ब्याज को कर मुक्त किया गया है इससे इस सेक्टर को दोहरी छूट मिलने से तेजी आएगी।
क्वार्टरली रिटर्न भरना होगा
बजट में घोषणा की गई है की 5 करोड़ तक के टर्नओवर वाले व्यापारियों को क्वार्टरली रिटर्न भरना होगा, जोकि इनपुट टैक्स क्रेडिट की वजह से असंभव सा प्रतीक हो रहा है। क्वार्टरली रिटर्न भरने से इनपुट 3 महीने बाद मिलेगा अतः इसका बहुत अधिक फायदा नहीं मिल पाएगा। जीएसटी के अंतर्गत रजिस्टर्ड एम एस एम ई को 1 करोड़ तक की लोन आसानी से मिलेगा यह एक स्वागत योग्य कदम है।
साथ ही महिलाओं को जोकि सेल्फ हेल्पिंग ग्रुप में कार्य कर रही है उनको भी एक लाख तक का लोन आसानी से दिया जाएगा। प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष करो में आधार की सार्वभौमिकता को स्वीकार कर लिया गया है। अभी आयकर में पेन और आधार को अब आपस में जोड़ कर देखा जाएगा अगर पेन नहीं है तो भी आयकर रिटर्न आधार नंबर के आधार पर फाइल किया जा सकेगा।
साथ ही शीघ्र ही जीएसटी रजिस्ट्रेशन में भी आधार स्वीकार्य होगा इस पर जीएसटी काउंसिल शीघ्र फैसला लेगी| अन्य प्रमुख बदलाव में अब एन आर आई भारत में आते ही बिना किसी इंतजार के आधार कार्ड बनवा सकता है तथा प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष करो में अपना पंजीयन प्राप्त कर सकता है|