नई दिल्ली। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने गुरुवार को संसद के सयुंक्त सत्र को संबोधित करते हुए एक और अहम ऐलान किया है। उन्होंने अपनी सरकार की उपलब्धियों का ब्यौरा पेश करते हुए कहा कि ‘प्रधानमंत्री मुद्रा योजना’ के तहत अब तक 19 करोड़ युवाओं को कर्ज दिया जा चुका है। अब सरकार का लक्ष्य योजना का विस्तार करते हुए 30 करोड़ युवाओं तक पहुंचने का है। यानी कि 11 करोड़ नए युवाओं को इस योजना के तहत कर्ज दिया जाएगा। यही नहीं, उद्यमियों के लिए बिना गारंटी 50 लाख रुपए तक के ऋण की योजना भी लाई जाएगी।
तीन श्रेणी में मिलता है लोन
अभी प्रधानमंत्री मुद्रा योजना के तहत तीन योजनाएं हैं – शिशु, किशोर और तरुण संचालित है। इसमें बैंक और वित्तीय संस्थान इन योजनाओं के तहत 50,000 रुपये से 10 लाख रुपये तक के ऋण प्रदान करते हैं। शिशु में 50000, किशाेर में 500000 और तरुण में 10 लाख रुपए की सीमा है।
51 प्रतिशत लोन शिशु के तहत बांटे
चालू वित्त वर्ष में सरकार ने इन योजनाओं के तहत लगभग 600,000 ऋण आवेदन स्वीकृत किए हैं, जिसमें 32,457 करोड़ रुपए की कर्ज राशि बांटी गई है। गारंटी के लिए माइक्रो यूनिट्स (CGFMU) के तहत एक क्रेडिट गारंटी फंड स्थापित किया गया है। मार्च 2018 तक लगभग 40,000 करोड़ रुपए के ऋण क्रेडिट गारंटी योजना के तहत कवर किए गए थे। कवर किए गए ऋणों में से लगभग 51% शिशु योजना के तहत थे। गारंटी योजना के तहत पचास सदस्यीय ऋण देने वाले संस्थानों को पंजीकृत किया गया है।
राजन ने स्कीम की समीक्षा पर दिया था जोर
पिछले साल भारतीय रिजर्व बैंक के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन ने पाया था कि क्रेडिट जोखिम के लिए MUDRA ऋण और किसान क्रेडिट कार्ड की अधिक बारीकी से जांच की जानी चाहिए। सिडबी (लघु उद्योग विकास बैंक ऑफ इंडिया) द्वारा चलाई जा रही एमएसएमई (CGTMSE) के लिए क्रेडिट गारंटी योजना एक बढ़ती देयता है। इसे तत्कालता के साथ जांचने की आवश्यकता है।