महाकाल मंदिर में अब आम भक्त भी कर सकेंगे गर्भगृह में दर्शन

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उज्जैन। ज्योतिर्लिंग महाकाल मंदिर में बुधवार को वर्ष 2019-20 के बजट को मंजूरी दे दी गई है। अब इसे अनुमोदन के लिए संभागायुक्त को भेजा जाएगा। बजट बैठक में कई अन्य महत्वपूर्ण निर्णय भी मंदिर प्रबंध समिति ने लिए हैं। रविवार को छोड़ शेष दिनों में अब आम भक्तों को सुबह 11 से शाम 4 बजे तक गर्भगृह में अनिवार्य रूप से प्रवेश दिया जाएगा। वहीं भस्मारती की तर्ज पर संध्या व शयन आरती को भी भव्य बनाने का फैसला लिया गया है। सभी निर्णय जल्द ही अमल में आएंगे।

ज्योतिर्लिंग में करीब 6 माह बाद प्रबंध समिति की प्रतिक्षित बैठक हुई। कलेक्टर शशांक मिश्र ने इसकी अध्यक्षता की। बैठक में वित्तीय वर्ष 2019-20 का बजट पास कर दिया गया। पहली बार मंदिर समिति ने 52.84 करोड़ रुपए का भारी भरकम बजट तैयार किया है। वित्तीय वर्ष के लिए व्यय का 72.55 करोड़ रुपए प्रस्ताव किया है। यानि बजट 19.70 करोड़ रुपए घाटे का है। अफसरों का कहना है कि इस वर्ष मंदिर में भक्तों की सुविधाओं के लिए कई काम किए जाने हैं। इसलिए बजट घाटे का है।

गर्भगृह से दर्शन का समय तय
मंदिर समिति ने पहली बार आम भक्तों को गर्भगृह से दर्शन कराने के लिए रविवार को छोड़ शेष दिनों में 5 घंटे तय कर दिए हैं। अफसरों का कहना है कि फिलहाल 10 दिन बतौर प्रयोग व्यवस्था लागू की जाएगी। इसके बाद रिव्यू किया जाएगा। खामियों को दूर कर आम भक्तों के गर्भगृह से दर्शन की व्यवस्था सुनिश्चित की जाएगी। बता दें, फिलहाल मंदिर में कभी-भी गर्भगृह में प्रवेश बंद कर दिया जाता है। ऐसे में आम भक्तों को बाहर से ही दर्शन करना होते हैं। जबकि वीआईपी भक्त इस अवधि में भी भीतर चले जाते हैं।

मंदिर समिति ही बनाएगी लड्डू प्रसाद
बैठक में यह निर्णय भी लिया गया कि महाकाल का लड्डू प्रसाद मंदिर समिति ही बनाएगी। इस कार्य को ठेके पर नहीं दिया जाएगा। बताया जाता है कि हाल ही में प्रसाद निर्माण के लिए ठेके की बात भी सामने आई थी। इसे अफसरों ने सिरे से नकार दिया है।

भस्मारती की तर्ज पर दो अन्य आरतियां
भस्मारती की तर्ज पर संध्या व शयन आरती को भव्य बनाने का प्रस्ताव भी रखा गया। हालांकि इस पर अंतिम फैसला नहीं हुआ है। इसके लिए समिति गठित की गई हैं। सूत्रों के अनुसार भस्मारती की तर्ज पर इन दोनों आरतियों में भी अनुमति के बाद ही प्रवेश देने पर चर्चा की गई। हालांकि इस प्रस्ताव पर पूर्व में भी विरोध उठ चुका है। दरअसल दोनों आरतियों में भी अगर अनुमति की बाध्यता कर दी तो श्रद्धालु परेशान होंगे।

पूजन के लिए ऑनलाइन अनुमति
भक्त अब महाकाल का पूजन करने के लिए पूर्व अनुमति भी ले सकेंगे। इसके लिए ऑनलाइन लिंक खोली जाएगी। इस पर पूजन का दिन और समय निर्धारित कर दिया जाएगा। इससे भक्त असुविधा से बचेंगे।