नई दिल्ली। गुड्स एंड सर्विस टैक्स लागू होने से पहले दिल्ली में शुक्रवार को हुई जीएसटी काउंसिल की बैठक में सरकार ने किसानों को खुशी दे दी है। खेती के लिए प्रयोग में आने वाले फर्टिलाइजर और ट्रैक्टर के पार्ट्स के टैक्स स्लैब की दर को कम कर दिया है।
काउंसिल ने फर्टिलाइजर पर 5 फीसदी और ट्रैक्टर पार्ट्स पर 18 फीसदी स्लैब दर तय कर दी है। पहले ये दर 12 और 28 फीसदी थी। इससे किसानों पर टैक्स का बोझ कम पड़ेगा। काउंसिल द्वारा लिए गए निर्णय की घोषणा खुद वित्तमंत्री अरुण जेटली ने की।
केवल बीज पर नहीं लगेगा टैक्स
जीएसटी काउंसिल ने किसानों को केवल बीज खरीदने पर अतिरिक्त टैक्स देने से राहत दी है। बीज पर किसी तरह का कोई टैक्स नहीं लगाया गया है। हालांकि इससे किसानों को राहत नहीं मिलेगी। खेती करने के लिए किसानों को कई तरह अन्य वस्तुएं भी चाहिए होती हैं, जिनको जीएसटी काउंसिल ने 12 से 28 फीसदी टैक्स स्लैब में रखा है।
इन पर लगेगा टैक्स
जीएसटी काउंसिल ने फर्टिलाइजर्स और ट्रैक्टर पर 12 और 28 फीसदी टैक्स लगाया था। इसके अलावा पेस्टीसाइड पर 18 फीसदी टैक्स लगाया है। पेस्टीसाइड का इस्तेमाल किसान फसल को कीड़ों से बचाने के लिए करते हैं। सिंचाई के लिए प्रयोग होने वाले रबर और प्लास्टिक पाइप पर 28 फीसदी टैक्स लगेगा।
एक बीघे की खेती पर इतना पड़ेगा असर
मान लिजिए अगर किसान के पास एक बीघा जमीन है तो उसे लागत में 360 रुपये अतिरिक्त खर्चा पड़ेगा। अभी किसान को 680 रुपये का यूरिया पड़ता है जो जुलाई से 720 रुपये का हो जाएगा। वहीं डाई पर 1050 रुपये से बढ़कर 1300 रुपये देने होंगे। इसी तरह जिंक 250 से 270 रुपये और कीटनाशक 550 से 600 रुपये देने होंगे। इस हिसाब से देखा जाए तो हर एक बीघे पर 360 रुपये अतिरिक्त खर्चा आएगा।