नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने पूछा है कि आईआईटी के पेपर देने वाले सभी छात्रों को ग्रेस नंबर क्यों दिए गए। सुप्रीम कोर्ट ने मद्रास आईआईटी और केंद्र को नोटिस जारी करके इस मामले में जवाब दाखिल करने को कहा है।
उल्लेखनीय है कि ग्रेस नंबर के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की गई थी जिसमें कहा गया है कि आईआईटी ने उन छात्रों को भी ग्रेस अंक दिए हैं, जिन्होंने गलत सवालों को हल करने का प्रयास ही नहीं किया, जबकि ग्रेस अंक सिर्फ उन छात्रों को मिलने चाहिए, जिन्होंने इन गलत सवालों को छोड़ने की जगह हल करने की कोशिश की।
याचिका में कहा गया कि इन ग्रेस अंकों से मेरिट लिस्ट प्रभावित हुई है और बहुत छात्रों पर असर पड़ा है। इसलिए दोबारा से मेरिट लिस्ट तैयार की जाए। गौरतलब है कि आईआईटी ने केमिस्ट्री के एक गलत सवाल के लिए 3 ग्रेस अंक और गणित के गलत सवाल के लिए 4 ग्रेस अंक दिए हैं। ये अंक सभी को दिए गए हैं। मामले की अगली सुनवाई सात जुलाई को होगी।
सुप्रीम कोर्ट ने आईआईटी में दाखिले को लेकर चल रही काउंसलिंग पर रोक लगाने से भी इनकार कर दिया है। गौरतलब है कि इस बार आईआईटी मद्रास को आईआईटी-जेईई परीक्षा कराने की जिम्मेदारी दी गई थी।