जीएसटी से मुक्त रहेगा शराब का कारोबार

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नई दिल्ली । वस्तु एवं सेवा कर लागू होने पर जहां अधिकांश वस्तुएं और सेवाएं इसकी जद में होंगी वहीं सिर्फ शराब ही ऐसी वस्तु है जो जीएसटी के दायरे से बाहर रहेगी। दरअसल मानव उपभोग के काम आने वाली अल्कोहल को जीएसटी के दायरे से बाहर रखने का फैसला संविधान संशोधन अधिनियम के जरिये हो चुका है।

राज्यों की अधिकांश कमाई शराब से ही होती है। राज्य इस पर आबकारी कर लगाते हैं। इसलिए इसे जीएसटी के अलग रखने का फैसला किया गया है। जीएसटी लागू करने के लिए जब राज्यों के वित्त मंत्रियों की अधिकार प्राप्त समिति विचार विमर्श कर रही थी तो उस समय राज्यों ने इसे लेकर चिंता जतायी थी।

उनका कहना था कि शराब को जीएसटी से बाहर रखा जाए। बहरहाल अगर शराब को जीएसटी के दायरे में लाना है तो एक बार फिर संविधान संशोधन करने की जरूरत पड़ेगी। वैसे पांच पेट्रोलियम उत्पाद- कच्चा तेल, डीजल, पेट्रोल, प्राकृतिक गैस और एटीएफ पर भी फिलहाल जीएसटी नहीं लगेगा।

इन पर केंद्र सरकार और राज्य सरकारें मौजूदा टैक्स लगाती रहेंगी।लेकिन इन पेट्रोलियम उत्पादों पर जीएसटी कब से लगाया जाना है, इसका फैसला जीएसटी काउंसिल कर सकेगी। वैसे इसके लिए संविधान संशोधन की जरूरत नहीं होगी और यह काम जीएसटी काउंसिल की बैठक में किया जा सकेगा।