नई दिल्ली। वित्त वर्ष 2019-20 के पहले महीने यानी अप्रैल में जीएसटी के मोर्चे पर अच्छी खबर मिली। अप्रैल में जीएसटी कलेक्शन 1.13 लाख करोड़ रुपए के आंकड़े के साथ अपने उच्चतम स्तर पर पहुंच गया, जबकि इससे पिछले महीने यह 1.06 लाख करोड़ रुपए रहा था। वित्त मंत्रालय ने बुधवार को जीएसटी कलेक्शन से जुड़े आंकड़े जारी किए।
72 लाख जीएसटीआर-3बी हुए फाइल
आधिकारिक बयान के मुताबिक, ‘अप्रैल, 2019 में कुल जीएसटी रेवेन्यू 1,13,865 करोड़ रुपए रहा, जिसमें सेंट्रल जीएसटी 21,163 करोड़ रुपए, स्टेट जीएसटी 28,801 करोड़ रुपए, इंटिग्रेटेड जीएसटी 54,733 करोड़ रुपए और सेस 9,168 करोड़ रुपए रहा।’ वहीं मार्च महीने के लिए 30 अप्रैल तक 72.13 लाख समरी सेल्स टैक्स रिटर्न GSTR-3बी फाइल किए गए। अप्रैल वित्त वर्ष 2019-20 का पहला महीना है।
रिकॉर्ड हाई पर पहुंचा जीएसटी
बयान के मुताबिक, अप्रैल महीने में हुआ जीएसटी कलेक्शन जीएसटी के आगाज के बाद मिला सबसे ज्यादा टैक्स है और इससे अप्रैल, 2018 की तुलना में 10.05 फीसदी ग्रोथ जाहिर होती है, जब कलेक्शन 1,03,459 करोड़ रुपए रहा था। सरकार ने कहा, ‘अप्रैल, 2019 में रेगुलर और प्रोविजनल सेटलमेंट के बाद केंद्र और राज्य सरकार को मिला कुल रेवेन्यू सीजीएसटी के लिए 47,533 करोड़ रुपए और एसजीएसटी के लिए 50,776 करोड़ रुपए रहा।’
2019-20 के लिए यह है प्रस्ताव
वित्त वर्ष 2019-20 के लिए सरकार का सीजीएसटी से 6.10 लाख करोड़ रुपए कम्पन्सेशन सेस से 1.01 लाख करोड़ रुपए का प्रस्ताव है। आईजीएसटी बैलेंस 50,000 करोड़ रुपए रहने का अनुमान है। 2018-19 में सीजीएसटी कलेक्शन 4.25 लाख करोड़ रुपए रहा, जबकि कम्पन्सेशन सेस 97,000 से ज्यादा रहा था। बीते महीने गुड्स एंड सर्विसेस टैक्स (GST) वित्त वर्ष 2018-19 के औसत मंथली रेवेन्यू 98,114 करोड़ रुपए से 16.05 फीसदी ज्यादा रहा।