नई दिल्ली।भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा है कि दुनिया की सबसे तेज गति से बढ़ने वाली अर्थव्यवस्था भारत को गरीबी और अन्य चुनौतियों से निपटने के लिए लगभग आठ फीसदी की रफ्तार से बढ़ने की जरूरत है।
वाशिंगटन में शुक्रवार को अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम में केंद्रीय बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा, ‘पिछले कुछ वर्षों के दौरान अर्थव्यवस्था की 7.5 फीसदी की औसत तेजी आकर्षक है, लेकिन भारत से और बेहतर प्रदर्शन की उम्मीदें हैं।’ उन्होंने यह भी कहा कि भूमि तथा श्रम के क्षेत्र में और अधिक संरचनात्मक सुधारों की जरूरत है।
गवर्नर ने कहा कि वित्त वर्ष 2019-20 में भारत की आर्थिक विकास दर 7.2 फीसदी रहने की उम्मीद है और तेल की कीमतों में बढ़ोतरी की वजह से जोखिम के ऊपर रहने के बावजूद मुद्रास्फीति लक्ष्य से कम देखी जा रही है। उन्होंने कहा कि कच्चे तेल की कीमतों में तेजी के असर के मुद्रास्फीति पर दबाव को कम अतिशयोक्ति कहा जा सकता है।
उन्होंने कहा, ‘हमारी प्राथमिकता सभी आंकड़ों पर निगरानी बनाए रखना और विकास दर में तेजी लाने और अर्थव्यवस्था की रफ्तार को बरकरार रखने के लिए समन्वित रूप से कदम उठाना है। ‘उल्लेखनीय है कि केंद्रीय बैंक ने पिछले सप्ताह चालू वित्त वर्ष के लिए विकास दर अनुमान को पहले के 7.4 फीसदी से घटाकर 7.2 फीसदी कर दिया। इसने आगामी महीनों में हेडलाइन इन्फ्लेशन कम रहने का अनुमान जताया है, जिससे दरों में कटौती की और गुंजाइश बनती है।