कोटा। गणिनी आर्यिका विशुद्धमति माताजी के स्वर्णिम दीक्षा जयंती महोत्सव की ओर से रविवार को तलवंडी स्थित दिगम्बर जैन मंदिर पर सम्मान समारोह का आयोजन किया गया। जिसमें समारोह के लिए गठित की गई 21 उपसमितियों के सभी संयोजकों समेत 450 से अधिक सदस्यों का विशुद्धमति माताजी ससंघ के सानिध्य में सम्मान किया गया।
विगत समय से संघ के प्रति अपनी सेवाओ के क्षेत्र में उल्लेखनीय सेवाएं दे रहे श्रेष्ठी जनों को प्रशस्ति पत्र प्रदान कर सम्मानित किया गया। आयोजन समिति द्वारा तिलक, माला एवं प्रशस्ति पत्र व स्मृति चिन्ह देकर अभिनन्दन किया गया। विज्ञमती माताजी ने अपने मंगल प्रवचन में सभी कार्यकर्ताओं और पदाधिकारियों की प्रशंसा करते हुए सभी को सम्पूर्ण विशुद्ध आर्यिका संघ की ओर से आशीर्वाद दिया।
माताजी ने अपने आशीर्वचनों में कहा कि अकेला चना भाड़ नही फोड़ सकता, सभी के सहयोग एवं परफेक्ट टीम वर्क के कारण ही यह आयोजन इतिहास बन सका। इसमें सकल समाज कोटा का अमूल्य योगदान रहा है। कोटा का नाम पूरे विश्व जैन समाज मे अपनी अमिट छाप छोड़ गया। यह सहयोग भाव से किए गए कार्यों का ही परिणाम है।
उन्होंने कहा कि किसी कार्य को सम्पन्न करने के लिए परिश्रम और धन खर्च करना पड़ता है, लेकिन उससे भी अधिक समय देने की जरूरत रहती है। जिन लोगों ने अपना समय विशुद्धमति माताजी के चरणों मे समर्पित किया।
ऐसे लोगों का सम्मान किया जाना अच्छी बात है। सकल दिगम्बर जैन समाज कोटा के अध्यक्ष विमल जैन नांता वालों, महामंत्री विनोद टोरडी को ’समाज रत्न’ की उपाधि से समाज द्वारा विभूषित किया गया।
इस दौरान कार्याध्यक्ष जेके जैन, सुरेश चांदवाड़, विमल जैन नान्ता, विनोद टोरड़ी, कैलाशचन्द जैन खेड़ा वाले, अशोक पहाड़िया, राजकुमार जैन, प्रकाश बज, निशा बैद, अनिला झांझरी समेत स्वर्णिम दीक्षा जयंती महोत्सव समिति, महावीर दिगम्बर जैन मंदिर समिति, तलवंडी तथा श्री सकल दिगम्बर जैन समाज समिति, कोटा के पदाधिकारी उपस्थित रहे।