MSP के नीचे कृषि उत्पादों की खरीद मानी जाएगी अपराध: शिवराज सिंह चौहान

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    शिवराज सिंह चौहान मुख्यमंत्री मध्य प्रदेश

    भोपाल।मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने किसानों के समर्थन में शुरू किया उपवास 28 घंटों बाद खत्म कर दिया। इस दौरान सीएम ने ऐलान किया कि केन्द्र द्वारा घोषित न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) के नीचे कृषि उत्पादों की खरीद को मध्यप्रदेश में आपराधिक कृत्य माना जाएगा।

    इस दौरान सीएम ने यह भी घोषणा की कि खेती जमीन किसान की सहमति के बिना अधिग्रहित नहीं की जाएगी। पिछले कई दिनों से किसानों के आंदोलन का सामना कर रहे शिवराज सिंह चौहान ने 28 घंटे बाद रविवार को नारियल पानी पीकर अपना उपवास खत्म किया। सीएम ने कहा कि उन्होंने 2002 में सब्मिट की गई स्वामीनाथन कमिटी की रिपोर्ट पढ़ी, इसके आधार पर वह कई फैसले लेंगे।

    राज्य सरकार सभी म्यूनिसिपल इलाकों में ‘किसान बाजार’ खोलेगी। इसके अलावा दूध खरीदने के लिए अमूल डेयरी कॉपरेटिव्स की प्रणाली अपनाएगी। उन्होंने ऐलान किया कि खसरा की कॉपी किसान को उसके घर पर पहुंचाई जाएगी। सीएम ने कहा, ‘किसानों को अब खसरा की कॉपी के लिए अधिकारियों और दफ्तरों के चक्कर नहीं काटने होंगे।’

    अपना उपवास खत्म करने के बाद चौहान ने कहा कि वह एसी कमरों में बैठने वाले सीएम नहीं हैं। उन्होंने कहा, ‘जब-जब किसानों पर संकट आया, मैं मंत्रालय, सीएम हाउस से निकलकर खेतों तक गया।’ सीएम ने अपने संबोधन में भारतीय किसान संघ जैसे संगठनों को साथ देने के लिए शुक्रिया भी कहा। गौरतलब है कि एमपी में किसान आंदोलन के शुरुआती दिनों में सीएम से आश्वासन मिलने के बाद भारतीय किसान यूनियन ने अपना आंदोलन वापस ले लिया था।

    मध्यप्रदेश के सीएम ने एक बार फिर मध्य प्रदेश में हिंसक प्रदर्शन करने वालों को अराजक तत्व कहा। शिवराज सिंह ने कहा कि कोई भी किसान दूध नहीं फेंक सकता। दूध फेंकने का काम अराजक तत्वों का है। उन्होंने मंदसौर घटना की उच्चस्तरीय जांच करा दोषियों पर कार्रवाई की बात कही, साथ ही कहा कि निर्दोष किसानों को चिंता करने की जरूरत नहीं है।