कोटा।केंद्र सरकार ने अंतरिम बजट 2019 में पांच लाख रुपये तक टैक्सेबल इनकम वालों को आयकर से छूट की घोषणा की है। इस घोषणा के बाद लोगों में यह उलझन है कि आखिर उनका ग्रॉस वेतन अधिकतम कितना होगा, जिससे उन्हें इस टैक्स छूट का फायदा मिल सकेगा। अधिकतम 7.75 लाख रुपये तक की आय वाले लोग डिडक्शन के विभिन्न तरीकों का फायदा उठाकर अपने टैक्सेबल इनकम को पांच लाख रुपये तक ला सकते हैं और इनकम टैक्स देने से बच सकते हैं।
हमारे टैक्स एक्सपर्ट अनिल काला आपको बताने जा रहे हैं कि वित्त वर्ष 2019-20 के लिए 7.75 लाख रुपये की ग्रॉस टोटल इनकम कैसे टैक्सफ्री के दायरे में आएगी।
- वित्त वर्ष 2018-19 के लिए सबसे पहले आप 50,000 रुपये के स्टैंडर्ड डिडक्शन का क्लेम कर सकते हैं। चालू वित्त वर्ष के लिए यह हालांकि 40 हजार रुपये ही है, जिसे बजट 2019 में बढ़ाकर 50 हजार रुपये किया गया है। इसके बाद आपका टैक्सेबल इनकम घटकर 7.25 लाख रुपये पर पहुंच जाएगा।
- इनकम टैक्स ऐक्ट के सेक्शन 80सी के तहत आप 1.5 लाख रुपये का निवेश पीपीएफ, ईपीएफ सरीखे टैक्स सेविंग्स इंस्ट्रूमेंट्स में कर सकते हैं या बच्चों के ट्यूशन फीस के भुगतान पर कुल 1.5 लाख रुपये के डिडक्शन का फायदा उठा सकते हैं। इसके बाद आपका टैक्सेबल इनकम घटकर 5.75 लाख रुपये पर पहुंच जाएगा।
- अब, आप सेक्शन 80सीसीडी (1बी) के तहत नेशनल पेंशन स्कीम (एनपीएस) में 50 हजार रुपये की रकम निवेश कर सकते हैं। इसके बाद आपका टैक्सेबल इनकम घटकर 5.25 लाख रुपये पर पहुंच जाएगा।
- इसके बाद, अपने और अपने परिवार के लिए मेडिकल इंश्योरेंस पॉलिसी पर 25 हजार रुपये प्रीमियम का भुगतान करें और सेक्शन 80डी के तहत इतनी ही राशि के डिडक्शन का क्लेम करें। यह डिडक्शन और अधिक हो सकता है, अगर आप अपने सीनियर सिटिजन माता-पिता के लिए मेडिकल इंश्योरेंस प्रीमियम का भुगतान करते हैं।
अब आपका टैक्सेबल इनकम 5.25 लाख रुपये से घटकर 5 लाख रुपये के टैक्सेबल इनकम पर पहुंच जाएगा, जो टैक्सफ्री है। आप इसे इस टेबल की मदद से भी समझ सकते हैं। इसमें 10 हजार रुपये की आय इंट्रेस्ट से दिखाई गई है, जिसे नजरअंदाज भी किया जा सकता है।