स्मार्टफोन को लेकरआपको भी भ्रम है क्या, सच्चाई जानिए

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आमतौर पर देखा गया है कि जानकारी का अभाव हो तो मिथक पैदा हो जाते हैं और इन्हें ही लोग सच मान बैठते हैं। टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में भी ऐसा ही कुछ है। टेक्नोलॉजी से जुड़ी ऐसी कई भ्रांतियां है जिनके बारे में हर कोई बात करता है और उसे फॉलो भी करता है। लेकिन आपको उन बातों को सही मान लेने से पहले जान लेना चाहिए कि कहीं ये कोई मिथ तो नहीं। यहां ऐसे ही टेक से जुड़े कुछ मिथक और उनसे जुड़ी सच्चाई के बारे में बता रहे हैं:

ज्यादा बार्स मतलब अच्छा सिग्नल
आमतौर पर लोग मानते हैं कि मोबाइल में जितने ज्यादा बार होते हैं, उतना अच्छा सिग्नल होता है। हम सोचते हैं कि इससे हमें कॉल क्वॉलिटी बहुत अच्छी मिलेगी, आवाज बिलकुल क्लीयर आएगी और बात करने में कोई दिक्कत नही आएगी। लेकिन ऐसा नहीं है। जो आप मोबाइल में सिग्नल बार्स केवल ये बताते हैं कि आपका मोबाइल फोन उस नेटवर्क टावर से कितनी दूरी पर है।

मान लीजिए अगर आप टावर के एकदम पास जाकर फोन कॉल कर रहे हैं और उसी समय आपके उस इलाके में 4 हजार और लोग हैं जो कॉल करने की कोशिश कर रहे हैं तो आपका नेटवर्क एकदम बिजी हो जाएगा और आपको कॉल क्वालिटी एकदम पुअर ही मिलेगी। तो इस गलतफहमी में मत रहिए कि जितने ज्यादा बार्स उतनी अच्छी कॉलिंग।

रातभर के चार्ज से बैटरी खराब
अधिकांश लोगों से आपने सुना होगा कि मोबाइल को रात भर चार्जिंग पर मत लगाइए नही तो आपका फोन खराब हो सकता है या उसकी बैटरी खराब हो सकती है। कुछ लोग ये तक कहते हैं कि फोन ब्लास्ट भी हो सकता है। वास्तव में मोबाइल बैटरी के चार्ज होने को लेकर ये बड़ा मिथ है।

सच तो ये हैं कि आप मोबाइल को रातभर चार्ज कर सकते हैं और मान लीजिए कि आपकी बैटरी को कुछ नहीं होगा। इसका कारण यह है कि आजकल के मोबाइल ‘स्मार्ट’ फोन होते हैं। आपका फोन यह पहचान लेगा कि यह फुल चार्ज हो गया है और खुद ही चार्जिंग बंद कर देगा।

ज्यादा मेगापिक्सल्स का मतलब अच्छी फोटो
जब आप कोई नया स्मार्टफोन खरीदते हैं तो कैमरा स्पेसिफिकेशन आपके इस फैसले में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। आप में से ज्यादातर लोग सोचते हैं की जिस मोबाइल के कैमरा में ज्यादा मेगापिक्सल्स होते हैं उसमे फोटो क्वालिटी ज्यादा अच्छी होती है। ये बात भी बिलकुल गलत है। मेगापिक्सल्स तब ही मायने रखता है जब आप फोटो प्रिंट करवाते हैं।

वास्तव में फोटो की क्वॉलिटी मेगापिक्सल्स के अलावा और भी बहुत-सी चीजों पर डिपेंड करती है जैसे कैमरा लेंस, सेंसर, फोकस आदि। एक मेगा पिक्सल्स यानी एक मिलियन पिक्सल्स। पिक्चर्स छोटे-छोटे डॉट्स से बनी होती है जो कि पिक्सल्स कहलाते हैं।

मल्टी-कोर प्रोसेसर्स
यह कहा जाता है कि मल्टी-कोर प्रोसेसर्स अच्छा परफॉर्मेंस देते हैं लेकिन ये जरूरी नहीं है। मल्टी-कोर प्रोसेसर्स दरअसल एक टास्क को कई कोर के जिम्मे कर देते हैं ताकि ये जल्द से जल्द पूरी हो। आज के समय में ज्यादातर ऐप को सिंगल या ड्यूल-कोर प्रोसेसर के लिहाज से डिजाइन किया जाता है, इसलिए ये एक्स्ट्रा प्रोसेसिंग पावर का उपयोग ही नहीं कर पातीं। प्रोसेसर्स की बिल्ड क्वॉलिटी और सपोर्टिंग हार्डवेयर से भी परफॉर्मेंस पर असर पड़ता है।

एक्सटेंडेड वॉरंटी
कोई भी गैजेट आप खरीदें, थर्ड-पार्टी एक्सटेंडेड वॉरंटी का ऑफर साथ में रहता ही है।ज्यादातर मौकों पर ये सिर्फ आपकी असुरक्षा की भावना का फायदा उठाने की कोशिश ही है। जो भी प्रोडक्ट आप खरीदते हैं, निर्माता उसके साथ वॉरंटी देता ही है।

ये थर्ड-पार्टी एक्सटेंडेड वॉरंटी तो निर्माता वाली वॉरंटी के साथ ही चलती हैं, इस तरह आप एक प्रोटेक्शन के लिए दो बार भुगतान कर रहे हैं। इसलिए थर्ड पार्टी लेने से पहले डिवाइस के निर्माता द्वारा दी जा रही वॉरंटी के बारे में जरूर जान लें।