लगभग सभी फोन में एक 3.5mm का हेडफोन जैक होता है, इसके माध्यम से हम अपने फोन से किसी भी साधारण हेडफोन को जोड़ सकते हैं। यह फीचर उन लोगों के लिए बहुत ही बढ़िया कहा जा सकता है, जो एक हेडफोन को कई अलग-अलग स्मार्टफोन में इस्तेमाल करते हैं, या करना चाहते हैं।
लेकिन अब तमाम कंपनियां एक मत होती दिख रही हैं कि महंगा फोन खरीदने वालों को हेडफोन जैक की जरूरत नहीं होती। इस चलन के तहत साल 2018 के कुछ महंगे मोबाइल फोन्स से हेडफोन जैक गायब भी हो गया है। आने वाले समय में हेडफोन जैक सिर्फ एंट्री लेवल फोन्स में ही दिखेंगे। कहा जा सकता है कि साल 2019 में फ्लैगशिप फोन्स तो बिना हेडफोन जैक के ही मिलेंगे।
हेडफोन जैक को हटाने में कंपनियों का काफी फायदा है। इससे उनके फोन की कॉस्ट में कमी तो आती ही है, इन्हें स्लिम करने में भी एक बड़ी बाधा हट जाती है। स्लिम होते फोन्स के लिए हेडफोन जैक बड़ी अड़चन हैं। सोनी एक्सजेड2, सोनी एक्सजेड2 कॉम्पेक्ट और नोकिया 8 सिरोक्को में क्लासिक 3.5mm का हेडफोन जैक नहीं है।
ये तीनों ही फ्लैगशिप फोन्स हैं और खासे महंगे हैं। खास बात यह है कि इन तीनों फोन्स की पिछली पीढ़ी ने हेडफोन जैक को संभाले रखा था। सस्ता फोन खरीदने वालों को अभी चिंता करने की जरूरत नही है क्योंकि जब तक ब्लूटूथ हेडफोन्स की कीमतें एक हद तक कम नहीं हो जातीं, छोटे फोन्स से हेडफोन जैक हटाया नहीं जा सकता। कंपनियों को बेहतर ढंग से पता है कि आज भी कई फोन की कीमत, ब्लूटूथ हेडफोन्स से कम है।
गौरतलब है कि साल 2016 में 3.5mm जैक को फोन्स से हटाने की शुरुआत हुई थी। उस साल अप्रैल में leEco ने उनके फोन्स की एक सीरीज में से हेडफोन जैक हटा दिए थे। उन्होंने USB-C का यूज शुरू किया था। एपल सहित कई कंपनियों ने अपनाया। फिर गूगल पिक्सल लाइन, मोटो जेड, एचटीसी यू11 और शाओमी एमआई 6 के साथ भी यही हुआ था।