अब चार घंटे के भीतर मिलेगा ई-पैन जल्दी ही होगी शुरुआत : CBDT

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नयी दिल्ली।  केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) के चेयरमैन सुशील चंद्रा ने कहा कि हम एक नयी प्रणाली सामने ला रहे हैं। एक साल या कुछ समय बाद हम चार घंटे में पैन देना शुरू कर देंगे। आपको आधार पहचान देनी होगी और आपको चार घंटे में ही ई-पैन मिल जाएगा।’’

उन्होंने कहा कि निर्धारण वर्ष 2018-19 में दायर होने वाले आयकर रिटर्न (आईटीआर) में पिछले साल की तुलना में अब तक 50 प्रतिशत वृद्धि दर्ज की गई है। केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) के चेयरमैन सुशील चंद्रा ने सीआईआई के एक कार्यक्रम से यह जानकारी देते हुये कहा, ‘‘यह नोटबंदी का असर है।’’

उन्होंने कहा कि नोटबंदी देश में कर दायरा बढ़ाने के लिये काफी अच्छी रही है। इस साल हमें अभी तक ही करीब 6.08 करोड़ आईटीआर मिल चुके हैं जो पिछले साल की इसी अवधि में मिले आईटीआर से 50 प्रतिशत अधिक हैं। उन्होंने उम्मीद जाहिर की कि राजस्व विभाग चालू वित्त वर्ष के दौरान 11.5 लाख करोड़ रुपये का प्रत्यक्ष कर संग्रह का बजट लक्ष्य प्राप्त कर लेगा।

चंद्रा ने कहा, ‘‘हमारे सकल प्रत्यक्ष कर में 16.5 प्रतिशत और शुद्ध प्रत्यक्ष कर में 14.5 प्रतिशत की दर से वृद्धि हुई है। इससे पता चलता है कि नोटबंदी से कर दायरा बढ़ाने में वास्तव में मदद मिली है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘अभी तक कुल प्रत्यक्ष कर संग्रह बजट आकलन का 48 प्रतिशत है।’’

उन्होंने बताया कि सूचनाओं के स्वत: आदान-प्रदान के तहत 70 देश भारत के साथ सूचनाएं साझा कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि नोटबंदी के कारण कॉरपोरेट कर दाताओं की संख्या पिछले साल के सात लाख की तुलना में बढ़ाकर आठ लाख हो चुकी है। चंद्रा ने कहा कि विभाग ने रिटर्न दायर नहीं करने वाले तथा आय से रिटर्न के नहीं मिलने को लेकर लोगों को दो करोड़ एसएमएस भेजे हैं।

उन्होंने करदाताओं और कर अधिकारियों के बीच मानवीय संपर्क कम करने के विभाग के प्रयासों का जिक्र करते हुए कहा कि इस साल अब तक 70 हजार से अधिक मामलों में करदाता और कर अधिकारी के आमने सामने हुये बिना ऑनलाइन समाधान निकाला गया। सीबीडीटी प्रमुख ने कहा कि इस साल अब तक 2.27 करोड़ रिफंड दिये जा चुके हैं। यह पिछले साल की तुलना में 50 प्रतिशत अधिक है।

देश का कर दायरा 80 प्रतिशत बढ़ा
उन्होंने कहा कि पिछले चार साल में देश का कर दायरा 80 प्रतिशत बढ़ा है।  कॉरपोरेट कर की दरें कम करने के प्रति सरकार की प्रतिबद्धता का जिक्र करते हुए कहा, ‘‘कर व्यवस्था का अनुपालन अच्छा होना चाहिये ताकि सरकार दरें कम करने की स्थिति में आ सके।’’