कोटा। राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद (एनसीटीई) ने शिक्षक बनने के लिए अब दो नए कोर्स लांच किए हैं। इंटीग्रेटेड टीचर एजुकेशन प्रोग्राम (आईटीईपी) कोर्स चार साल का होगा। एनसीटीई ने एक नोटिफिकेशन जारी कर सत्र 2019-23 के लिए आईटीईपी कोर्स संचालित करने के लिए शिक्षण संस्थानों से ऑनलाइन आवेदन मंगाए हैं। संस्थान 3 से लेकर 31 दिसंबर तक आवेदन कर सकते हैं। अभी तक प्री प्राइमरी से प्राइमरी स्तर तक की कक्षाओं में पढ़ाने के लिए डीएलएड जरूरी था।
वहीं, अपर प्राइमरी से सैकंडरी स्तर तक के स्कूलों में पढ़ाने के लिए बीएड अनिवार्य था। अब एनसीटीई चार वर्षीय इंटीग्रेटेड टीचर एजुकेशन प्रोग्राम( आईटीईपी) शुरू करने जा रहा है। प्राइमरी या फिर अपर प्राइमरी और इंटरमीडिएट में पढ़ाने के लिए अभ्यर्थियों को अब बीटीसी, डीएसएड या फिर बीएड का कोर्स नहीं करना पड़ेगा।
अगर कैंडिडेट ने चार साल का इंटीग्रेटेड टीचर एजूकेशन प्रोग्राम पूरा कर लिया है तो उसके लिए टीईटी, एसटीईटी या स्टेट लेवल के अन्य टेस्ट क्लियर करके टीचर बनने का रास्ता साफ हो जाएगा। एक आईटीईपी प्री प्राइमरी से प्राइमरी स्तर तक पढ़ाने के लिए होगा।
दूसरा आईटीईपी कोर्स अपर प्राइमरी से सेकंडरी स्तर तक पढ़ाने के लिए होगा। दोनों ही पाठ्यक्रमों की अवधि चार वर्ष की होगी और इनमें 12वीं के बाद दाखिला मिलेगा। इन पाठ्यक्रमों के लिए ग्रेजुएशन की जरूरत नहीं होगी।
एंट्रेंस व मैरिट का फैसला राज्य सरकार के हाथ में
अभी तक डीएलएड की संबद्धता राज्य सरकार के शिक्षा विभाग और बीएड की संबद्धता संबंधित विश्वविद्यालय से मिलती थी, लेकिन इन दोनों पाठ्यक्रमों की संबद्धता सीधे विश्वविद्यालय से मिलेगी और मान्यता एनसीटीई की रहेगी। कोर्स में एडमिशन एंट्रेंस टेस्ट या फिर मेरिट के आधार पर होगा, इस बात का फैसला संबंधित राज्य सरकारें करेंगी।
प्रत्येक कॉलेज को मिलेंगी 50 सीटें
एनसीटीई की ओर से जारी अधिसूचना के मुताबिक आईटीईपी के लिए एक यूनिट 50 सीटों की होगी। बीएड-एमएड वाले संस्थान को इस कोर्स के लिए 500 वर्ग मीटर भूमि और 400 वर्ग मीटर बिल्डिंग तैयार करनी होगी।
किसी नए संस्थान को यह कोर्स संचालित करने के लिए बीए, बीएससी, बीकॉम जैसे कोर्स के साथ यह कोर्स मिलेगा। इसके लिए उन्हें कम से कम 3000 वर्ग मीटर भूमि खरीदनी होगी। यह मानक केवल 50 सीटों के लिए है।