नई दिल्ली। सब्जियों की कीमतों को काबू में करने के लिए केंद्र सरकार ने ऑपरेशन ग्रीन के दिशा-निर्देश जारी किए हैं। अब आलू, प्याज और टमाटर की कीमतें अप्रत्याशित तरीके से नहीं बढ़ेंगी। इनके दामों को काबू में रखने के लिए सरकार सब्सिडी मुहैया कराएगी, जिसके लिए 500 करोड़ रुपये का बजट मुहैया कराया जाएगा।
सरकार ने इसकी जिम्मेदारी नैफेड को सौंपी है। खाद्य प्रसंस्करण मंत्रालय द्वारा जारी किए गए दिशा-निर्देशों में आलू, प्याज और टमाटर की सब्जी पैदा करने वाले क्षेत्रों को तीन क्लस्टर में बांटा गया है। जहां कीमतों पर काबू में रखने के लिए नैफेड को नोडल एजेंसी के तौर पर नियुक्त किया गया है। सरकार ने बजट में इस ऑपरेशन की घोषणा की थी।
मंत्रालय दाम घटाने के लिए 50 फीसदी तक सब्सिडी देगा। नैफेड छोटी अवधि में कीमतों को काबू में रखने के लिए उत्पादन के स्तर, ट्रांसपोर्टेशन और स्टोरेज के लिए समुचित कदम उठाएगा। लंबी अवधि में दिशा-निर्देशों के तहत भंडारण और प्रसंस्करण के लिए क्षमता बढ़ाई जाएगी। इसमें 50 करोड़ तक के प्रोजेक्ट के लिए ही छूट मुहैया कराई जाएगी।
सब्जियों की मांग व आपूर्ति के लिए ई-प्लेटफार्म
केंद्रीय मंत्री हरसिमरत कौर के नेतृत्व वाले मंत्रालय ने सर्वाधिक प्रयोग में लाई जाने वाली सब्जियों की आपूर्ति को हरेक मौसम में बरकरार रखने को यह निर्देश जारी किए हैं। आपूर्ति कम होने की सूरत में नैफेड मंडियों में सब्जियों की आपूर्ति सुनिश्चित कराएगा।
वह इन तीन सब्जियों की निगरानी के साथ ई-प्लेटफार्म तैयार कर उसका प्रबंधन भी करेगा, जिसके जरिए मांग और आपूर्ति में संतुलन बनाया जाएगा। इसमें खाद्य संगठनों समेत राज्य और अन्य मार्केटिंग फेडरेशन से भी सहायता ली जाएगी, जो किसान उत्पादन संगठनों, को-ऑपरेटिव, निजी कंपनियों, स्वयं सेवी समूहों और विभिन्न स्तरों पर आपूर्ति श्रृंखला से जुड़े हुए हैं।
इसमें खुदरा से लेकर फुटकर बाजार तक की हरेक कड़ी से नैफेड समन्वय करेगा। कार्यक्रमों में उनकी हिस्सेदारी के लिए नैफेड उन्हें वित्तीय सहायता मुहैया कराएगा। गौरतलब है कि लघु और लंबी अवधि के स्तर पर आधारित दिशा-निर्देशों पर नैफेड काम करेगा। मंत्रालय का कहना है कि अप्रत्याशित तौर पर होने वाली बढ़ोत्तरी पर इनसे लगाम लगेगी।