नयी दिल्ली। अमेरिका-चीन के बीच व्यापार मोर्चे पर तनाव, कच्चे तेल की कीमतें और रुपये की विनिमय दर में उतार-चढ़ाव, फेडरल रिजर्व के ब्याज दर पर फैसले से इस सप्ताह शेयर बाजार की चाल तय होगी। शेयर विशेषज्ञों ने यह बात कही। इसके अलावा निवेशकों की निगाह गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनी (एनबीएफसी) क्षेत्र के घटनाक्रमों पर भी रहेगी।
इसकी वजह से शुक्रवार को बाजार एक समय 1,100 अंक तक टूट गया था। जियोजीत फाइनेंशियल सर्विसेज के शोध प्रमुख विनोद नायर ने कहा, “कच्चे तेल की उच्च कीमतों, डॉलर में मजबूती और राजकोषीय घाटे की चिंताओं जैसे जोखिम भरे कारकों की वजह से बाजार में कुछ और घट-बढ़ दिख सकती है।”
उन्होंने कहा, “हम उम्मीद कर रहे हैं कि जिन क्षेत्र या शेयरों में लाभ की गुंजाइश है, वहां लिवाली देखने को मिल सकती है। इसके अलावा, अमेरिकी फेडरल ओपन मार्केट कमेटी (एफओएमसी) की बैठक भी प्रमुख है। एचडीएफसी सिक्योरिटीज के पीसीजी एवं पूंजी बाजार रणनीति के प्रमुख वी के शर्मा ने कहा, “एफओएमसी इस सप्ताह ब्याज दर पर निर्णय लेगा।
बाजार की हालिया घट-बढ़ के बाद हमने महसूस किया कि बाजारों ने तात्कालिक निचले स्तर को छुआ। आगे भी बाजार में घट-बढ़ देखने को मिल सकती है। पिछले सप्ताह बंबई शेयर बाजार का 30 शेयरों वाला सेंसेक्स 1,249.04 अंक गिरकर 36,841.60 अंक पर बंद हुआ।