फिच ने वित्तीय वर्ष 19 के लिए 7.8% किया भारत का ग्रोथ अनुमान

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नई दिल्ली। ग्लोबल रेटिंग एजेंसी Fitch Ratings ने वित्त वर्ष 2018-19 के लिए भारत का ग्रोथ अनुमान बढ़ाकर 7.8 फीसदी कर दिया है, जो पहले 7.4 फीसदी था। हालांकि अपने ग्लोबल इकोनॉमिक आउटलुक में फिच ने तेल पर बढ़ रहे खर्च, मौजूदा आर्थिक हालात और बैंकों की कमजोर बैलेंसशीट को ग्रोथ के लिए बड़ी चिंता बताया है।

अप्रैल-जून में फिच के अनुमान से ज्यादा रही थी ग्रोथ
फिच ने कहा, ‘हमने अप्रैल-जून, 2018 तिमाही में अनुमान से बेहतर प्रदर्शन के चलते वित्त वर्ष के लिए ग्रोथ अनुमान को 7.4 फीसदी से बढ़ाकर 7.8 फीसदी कर दिया है।’ गौरतलब है कि वित्त वर्ष 2018-19 की दूसरी तिमाही में जीडीपी ग्रोथ 8.2 फीसदी के स्तर पर पहुंच गई, जो पिछली 15 तिमाही का उच्चतम स्तर थी। जीडीपी ग्रोथ का यह आंकड़ा फिच के 7.7 फीसदी के अनुमान से काफी ज्यादा रहा था।

अनुमान से ज्यादा हुईं ब्याज दरें
हालांकि भारतीय रुपया इस साल एशिया में सबसे कमजोर प्रदर्शन करने वाली करंसी बना हुआ है। ग्लोबल रेटिंग एजेंसी ने अपनी रिपोर्ट में कहा, ‘केंद्रीय बैंक के रुपए में कमजोरी का सामना करने में सक्षम होने के बावजूद ब्याज दरें अनुमान से ज्यादा बढ़ गई हैं।’

महंगाई आरबीआई के टारगेट के भीतर
हालांकि फिच ने महंगाई का अनुमान आरबीआई के टारगेट बैंड (4 फीसदी, 2 फीसदी ज्यादा या कम) के ऊपरी स्तर के भीतर है। यह इसलिए भी अहम है, क्योंकि भारी डिमांड और रुपए में कमजोरी से महंगाई पर दबाव बना है।

फिच ने कहा, ‘इस शानदार प्रदर्शन का मुख्य रूप से श्रेय पावरफुल बेस इफेक्ट को जाता है। वित्त वर्ष 2017-18 के दूसरे क्वार्टर में जीडीपी ग्रोथ सुस्त रही थी, क्योंकि कंपनियां जीएसटी लागू होने से पहले स्टॉक्स खाली कर रही थीं। ’

2019-20 के लिए घटाया ग्रोथ अनुमान
वहीं फिच ने वित्त वर्ष 2019-20 और वित्त वर्ष 2020-21 के लिए ग्रोथ अनुमान 0.2 फीसदी घटाकर 7.3 फीसदी कर दिया है।