GST के दायरे में नहीं आएंगे पेट्रोल-डीजल, सरकारें तैयार नहीं

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नई दिल्ली । पेट्रोल और डीजल जीएसटी के दायरे में नहीं आएंगे। सूत्रों के मुताबिक, केंद्र और राज्य सरकारें इसकी वजह से होने वाले राजस्व नुकसान को लेकर इन्हें जीएसटी में शामिल करने के पक्ष में नहीं है। पिछले साल जुलाई में जब जीएसटी लागू हुई थी, तब पेट्रोल, डीजल, क्रूड ऑयल, नैचुरल गैस और एविएशन टर्बाइन फ्यूल को इससे बाहर रखा गया था।

पेट्रोल और डीजल को जीएसटी के दायरे में लाने के लिए उद्योग जगत और कई कैबिनेट मंत्रियों के बीच बातचीत भी हुई थी, लेकिन फिलहाल ऐसा होता नजर नआ रहा है। केंद्रीय वित्त मंत्रालय ने कहा कि पेट्रोल और डीजल को जीएसटी में शामिल करने का कोई प्रस्ताव नहीं है। हालांकि, 4 अगस्त को हुई जीएसटी काउंसिल की बैठक में इस मामले को उठाया गया था।

सूत्रों ने बताया कि अगर पेट्रोल-डीजल को जीएसटी के अंदर लाया जाता है तो इससे केंद्र को 20 हजार करोड़ रुपये के टैक्स क्रेडिट का नुकसान होगा। वहीं दूसरी तरफ राज्य अपने हाथ आने वाला राजस्व नहीं खोना चाहते हैं। अभी केंद्र को पेट्रोल पर 19.48 रुपये प्रति लीटर और डीजल पर 15.33 रुपये प्रति लीटर की एक्साइज ड्यूटी मिलती है। वहीं राज्य इन पर वैल्यू एडेड टैक्स (VAT) लेते हैं।

जीएसटी के तहत किसी गुड्स या सर्विस पर राज्य और केंद्र स्तर पर एक समान टैक्स लगाया जाता है। अभी भारत में जीएसटी के चार टैक्स स्लैब है। ये 5 प्रतिशत, 12 प्रतिशत, 18 प्रतिशत और 28 प्रतिशत है। अभी पेट्रोल और डीजल पर जीएसटी की सबसे ऊंची दर 28 प्रतिशत से भी ज्यादा टैक्स लगता है। ऐसे में अगर इनको जीएसटी में शामिल किया जाता है तो सरकारों को राजस्व का भारी नुकसान उठाना पड़ेगा।