मुंबई। इक्विटी म्युचुअल फंडों में निवेश अप्रैल में चार महीने के उच्चस्तर 9,429 करोड़ रुपये पर पहुंच गया। खुदरा निवेशकों की भागीदारी तथा म्युचुअल फंड कंपनियों द्वारा जागरूकता के प्रसार से इसमें निवेश का प्रवाह बढ़ा है। यह लगातार 13वां महीना रहा जबकि इक्विटी योजनाओं में निवेश का प्रवाह हुआ।
इससे पहले मार्च, 2016 में इस तरह के कोषों से 1,370 करोड़ रुपये निकाले गए थे। इस मजबूत प्रवाह से इक्विटी म्युचुअल फंडों की परिसंपत्तियां अप्रैल में इससे पिछले महीने की तुलना में पांच प्रतिशत बढ़ गईं।
बजाज कैपिटल के मुख्य कार्यकारी अधिकारी राहुल पारेख ने कहा, ‘भारतीय निवेशकों ने अंतत: म्युचुअल फंडों ने स्वीकार कर लिया है और इसका श्रेय नियामकों और म्युचुअल फंड उद्योग की एएमसी को जाता है।’
पारेख ने कहा, ‘सिस्टेमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान (सिप) और सिस्टेमैटिक ट्रांसफर प्लान (एसटीपी) जैसे निवेश के तरीकों ने निवेशकों को चयन का विकल्प दिया है। इसके अलावा निवेशकों को एकमुश्त या एक निश्चित समय के हिसाब से निवेश का भी विकल्प मिला है।’
एसोसिएशन ऑफ म्युचुअल फंड्स इन इंडिया (एम्फी) के आंकड़ों के अनुसार इक्विटी कोषों में अप्रैल में शुद्ध प्रवाह 9,429 करोड़ रुपये का रहा जो इससे पिछले महीने के 8,216 करोड़ रुपये से अधिक है।