नई दिल्ली। मई माह में इम्पलाइज प्रॉविडेंट फंड यानी ईपीएफ (EPF) में कंट्रीब्यूट करने वाले मेंबर्स की संख्या में 11 लाख तक की कमी आई है। हालांकि इस अवधि में कर्मचारी भविष्य निधि संगठन यानी EPFO के पास पीएफ जमा कराने वाली कंपनियों की संख्या में इजाफा हुआ है। इसका मतलब है कि EPFO के पास कंपनियों ने अपने कर्मचारियेां के पीएफ का पैसा जमा नहीं कराया है। यानी डिफॉल्ट करने वाली कंपनियों की संख्या बढ़ गई है।
EPF मेंबर्स की संख्या में 11 लाख तक आई कमी
अप्रैल में EPFO के कंट्रीब्यूटरी मेंबर्स, यानी ऐसे जिनका पीएफ EPFO के पास जमा हो रहा था. की संख्या 4,61,06,568 थी। मई में यह संख्या घट कर 4, 50,58,056 हो गई है। यानी एक माह लगभग 11 लाख मेंबर्स कम हो गए हैं।
बढ़ गई डिफॉल्ट करने वाली कंपनियों की संख्या
EPFO के बारे में फैसले लेने वाली शीर्ष बॉडी सेंट्रल बोर्ड ऑफ ट्रस्टी सीबीटी के मेंबर और ट्रेड यूनियन हिंद मजदूर संभा के प्रेसीडेंट एडी नागपाल ने moneybhaskar.com को बताया कि एक में 11 लाख मेंबर्स की संख्या होने का मतलब है कि बड़े पैमाने पर कंपनियां पीएफ का पैसा नहीं जमा करा रही हैं। यानी डिफॉल्ट कर रही हैं। कर्मचारियों के लिहाज से यह चिंताजनक बात है।
62,000 से ज्यादा कंपनियां कर रही है डिफॉल्ट
EPFO के लेटेस्ट डाटा के अनुसार मौजूदा समय में 62,8 06 कंपनियां डिफाल्ट कर रही हैं। यानी इन कंपनियों ने कर्मचारियों के पीएफ का पैसा EPFO के पास नहीं जमा कराया है। ये ऐसी कंपनियां हैं जिन्होंने जनवरी 2017 से मार्च 2018 के बीच किसी भी वेज मंथ का पीएफ जमा कराया है लेकिन अप्रैल 2018 वेज मंथ का पीएफ मई, 2018 में जमा नहीं कराया है।